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Operation Brahma 2025: भारत ने म्यांमार में भूकंप राहत के लिए पहली बार किया सैटेलाइट इंटरनेट का इस्तेमाल

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भारत ने तकनीक की दुनिया में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पहली बार किसी आपदा राहत अभियान में सैटेलाइट इंटरनेट का प्रत्यक्ष उपयोग किया है। म्यांमार में 28 मार्च 2025 को आए 7.7 तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने न केवल त्वरित मानवीय सहायता पहुंचाई, बल्कि ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत सैटेलाइट आधारित इंटरनेट कनेक्टिविटी का रियल-टाइम में उपयोग कर एक नई मिसाल भी कायम की।

Satellite Internet: भारत ने हाल ही में म्यांमार में आए भूकंप के दौरान एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि हासिल की। इस आपदा के समय 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत भारत ने पहली बार सैटेलाइट आधारित इंटरनेट का वास्तविक समय (रियल टाइम) में प्रयोग किया। इस ऑपरेशन के अंतर्गत म्यांमार के मंडले क्षेत्र में एक विशेष सैटेलाइट टर्मिनल स्थापित किया गया, जिसकी मदद से नई दिल्ली स्थित बेस से सीधा और स्थायी संपर्क स्थापित हो सका।

यह कदम न केवल भारत की तकनीकी क्षमताओं को दर्शाता है, बल्कि आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में उन्नत संचार प्रणाली के इस्तेमाल की दिशा में भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस ऑपरेशन से यह साबित हुआ कि भारत अब सैटेलाइट इंटरनेट के माध्यम से दूरदराज या आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भी त्वरित और प्रभावी सहायता पहुंचाने में सक्षम है।

सैटेलाइट इंटरनेट से म्यांमार में भारतीय उपस्थिति

भारत ने म्यांमार के मंडले क्षेत्र में एक विशेष सैटेलाइट टर्मिनल स्थापित किया, जिसने सीधे दिल्ली स्थित बेस से राहत दल और मेडिकल इकाई को जोड़ा। इस प्रयास के केंद्र में रही OneWeb कंपनी, जिसने कम पृथ्वी कक्षा (LEO) आधारित इंटरनेट सेवा के माध्यम से केवल 24 घंटे में भारतीय सेना और फील्ड हॉस्पिटल को ऑनलाइन जोड़ा।

OneWeb: तकनीक का नया अध्याय

OneWeb को नवंबर 2023 में भारत में सीमित परीक्षण की अनुमति मिली थी, और अब पहली बार उन्हें जमीनी हालात में तकनीक के इस्तेमाल का मौका मिला। कंपनी को IN-SPACe (Indian National Space Promotion and Authorization Center) से व्यावसायिक सेवा के लिए पूर्व-अनुमोदन प्राप्त हो चुका है और अब वह स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रतीक्षा कर रही है।

OneWeb की रीजनल डायरेक्टर निश्ठा कपूर ने बताया कि "यह भारत के लिए सैटेलाइट कनेक्टिविटी की दिशा में एक निर्णायक क्षण था, जिसमें संकट के समय हमारी तकनीक ने जीवन रक्षक भूमिका निभाई।"

सुरक्षित और सीमित क्षेत्र में सेवा

OneWeb के टर्मिनल जियो-फेंस्ड और पूरी तरह एन्क्रिप्टेड होते हैं, जिससे दूरस्थ, संवेदनशील क्षेत्रों में भी सुरक्षित इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराना संभव हो पाया। यह तकनीक पहले मानेकशॉ सेंटर, दिल्ली में भारतीय सेना को प्रदर्शित की गई थी। OneWeb भारत में एयरटेल, ह्यूजेस और अमेरिकी फर्म काइमेटा कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर देश के कोने-कोने में हाई-स्पीड कनेक्टिविटी पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है। वहीं इस क्षेत्र में स्टारलिंक (SpaceX) और रिलायंस जियो भी तेजी से सक्रिय हो रहे हैं।

गौरतलब है कि ISRO के LVM-3 रॉकेट ने OneWeb के 72 सैटेलाइट्स लॉन्च किए थे, जो अब वैश्विक स्तर पर कंपनी की इंटरनेट सेवा को समर्थन दे रहे हैं। इससे भारत के ‘स्पेस टेक’ के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और तकनीकी नेतृत्व को बल मिला है।

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