विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है। अब पूर्व आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा करके सियासी मैदान में कदम रख दिया है।
Bihar Politics: बिहार की राजनीति में एक नई करवट देखने को मिली है। चर्चित पूर्व आईपीएस अधिकारी शिवदीप वामनराव लांडे ने अब सियासत के मैदान में उतरने का फैसला किया है। हाल ही में अपने पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने 'हिन्द सेना' नाम से अपनी नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा की है। खास बात यह है कि वे खुद भी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में उम्मीदवार के तौर पर उतरने जा रहे हैं।
क्या है ‘हिन्द सेना’ का विज़न?
शिवदीप लांडे की ‘हिन्द सेना’ का मकसद बिहार में सामाजिक बदलाव, भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष और युवाओं को राजनीति में भागीदारी देने पर केंद्रित है। लांडे ने साफ कहा कि, बिहार का युवा अब जाग चुका है और वह बदलाव चाहता है। मेरी पार्टी उसी परिवर्तन की आवाज बनेगी। नवगठित पार्टी का चुनाव चिह्न भी काफी प्रतीकात्मक है, खाकी बैकग्राउंड में त्रिपुंड। यह न सिर्फ लांडे के पुलिसिया जीवन की याद दिलाता है बल्कि 'शक्ति, निष्ठा और तपस्या' जैसे मूल्यों को भी दर्शाता है।
शिवदीप लांडे ने क्यों ठुकराया सत्ता का ऑफर?
अपने स्पष्ट विचारों के लिए चर्चित लांडे ने यह भी खुलासा किया कि कई प्रमुख राजनीतिक दलों ने उन्हें राज्यसभा भेजने, मंत्री पद और यहां तक कि मुख्यमंत्री फेस तक बनाने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन उन्होंने इन सभी ऑफर्स को ठुकरा दिया। उनका कहना है, मुझे सत्ता नहीं, बदलाव चाहिए। मैं किसी पार्टी का मोहरा नहीं बनना चाहता। मैं जनता की पार्टी से जनता के लिए लड़ूंगा।
लांडे ने अपने संदेश में विशेष रूप से बिहार के युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, जो युवा बिहार को नई दिशा देना चाहते हैं, उनके लिए हिन्द सेना के दरवाजे खुले हैं। यह सिर्फ एक पार्टी नहीं, एक आंदोलन है।