प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अप्रैल को सऊदी अरब के दो दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं, जो भारत-सऊदी अरब संबंधों के लिहाज़ से काफी अहम माना जा रहा है। इस दौरे के दौरान वे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात करेंगे और दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अप्रैल 2025 को दो दिवसीय सऊदी अरब दौरे पर रवाना हो रहे हैं। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब पश्चिम एशिया लगातार उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है और वैश्विक भू-राजनीति में भारत की भूमिका तेजी से बढ़ी है। पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ उनकी द्विपक्षीय वार्ता होगी, जिसमें रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देने की उम्मीद है। यह मोदी का तीसरा सऊदी दौरा होगा, इससे पहले वे 2016 और 2019 में वहां जा चुके हैं।
रणनीतिक साझेदारी को मिलेगा नया आयाम
विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार, इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी काउंसिल की दूसरी बैठक है। इस मंच के अंतर्गत दोनों देशों के बीच राजनीतिक, सामाजिक, तकनीकी और आर्थिक मुद्दों पर गहन चर्चा होगी। मिस्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इस साझेदारी को पारंपरिक डिफेंस और एनर्जी जैसे क्षेत्रों से आगे बढ़ाकर रिन्यूएबल एनर्जी, मनोरंजन और डिजिटल तकनीक जैसे नए क्षेत्रों तक विस्तार दिया जा रहा है।
IMEC कॉरिडोर पर प्रगति की समीक्षा
एक बड़ा मुद्दा भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) रहेगा। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को लेकर पिछले साल सहमति बनी थी, लेकिन क्षेत्रीय अशांति और भू-राजनीतिक बाधाओं के कारण इसका जमीनी क्रियान्वयन धीमा रहा है। मिस्री ने साफ किया कि "ऐसा नहीं है कि प्रगति रुकी है", बल्कि चुनिंदा साझेदारों के साथ निरंतर संवाद बना हुआ है और IMEC को आगे बढ़ाने के लिए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किए गए हैं।
हूती हमले और सुरक्षा पर चर्चा
सऊदी अरब और यमन के बीच लगातार चल रहे हूती विद्रोह के मुद्दे पर भी बातचीत होगी। भारत इस क्षेत्रीय संकट को लेकर चिंतित है, विशेषकर समुद्री सुरक्षा और तेल आपूर्ति की स्थिरता के दृष्टिकोण से। ऐसे में यह चर्चा द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग को और गहराने का अवसर बन सकती है। इस दौरे का एक और अहम पहलू इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श है। भारत ने हमेशा संयमित और संतुलित दृष्टिकोण अपनाया है, और पीएम मोदी का यह दौरा इस रुख को क्षेत्रीय नेताओं के साथ साझा करने का एक बड़ा मंच बनेगा।
हज कोटा और तीर्थयात्रा की व्यवस्था पर भी चर्चा
इस बार हज यात्रियों को लेकर भी अहम मुद्दे उठाए जाएंगे। विदेश सचिव ने बताया कि भारत को मिलने वाले 1.75 लाख हज कोटे में से लगभग 10,000 अतिरिक्त रजिस्ट्रेशन की मंजूरी सऊदी सरकार ने दी है। यह भारत के सक्रिय प्रयासों का परिणाम है और इस मुद्दे पर भी उच्चस्तरीय बातचीत होगी। सऊदी अरब को भारत में मई में होने वाले मेगा इवेंट वेव्स में आमंत्रित किया गया है। यह दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और मनोरंजन क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक प्रतीकात्मक लेकिन महत्वपूर्ण कदम है।