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1 अक्टूबर से भारत-EFTA फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, कई यूरोपीय प्रोडक्ट्स होंगे सस्ते

1 अक्टूबर से भारत-EFTA फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, कई यूरोपीय प्रोडक्ट्स होंगे सस्ते

भारत और EFTA देशों (स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड, लिकटेंस्टीन) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट 1 अक्टूबर 2025 से लागू हो गया। इससे भारतीय निर्यातकों को नए अवसर मिलेंगे, यूरोपीय वस्तुएं भारत में सस्ती होंगी और रोजगार बढ़ने की संभावना है।

FTA  Deal: भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) 1 अक्टूबर 2025 से लागू हो गया। EFTA में चार प्रमुख यूरोपीय देश शामिल हैं- स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन। यह भारत का इन चार देशों के साथ पहला FTA है। इस समझौते के लागू होने से दोनों पक्षों के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे और भारतीय निर्यातकों तथा उद्योगपतियों के लिए नए अवसर खुलेंगे।

निवेश और रोजगार के अवसर

FTA लागू होने के बाद अनुमान है कि आने वाले 15 वर्षों में भारत को EFTA देशों से करीब 100 अरब डॉलर का निवेश मिलेगा। इसके साथ ही लगभग 10 लाख नई नौकरियां पैदा होने की संभावना है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इसे भारत की विदेश व्यापार नीति में महत्वपूर्ण कदम बताया है। उनका कहना है कि यह समझौता भारत की वैश्विक व्यापार रणनीति को नई दिशा देगा और निर्यातकों, उद्योगों और सेवा प्रदाताओं के लिए बेहतर अवसर सृजित करेगा।

भारतीय और यूरोपीय टैरिफ रियायतें

समझौते के तहत EFTA ने भारत के 99.6 प्रतिशत निर्यात पर शुल्क छूट देने का फैसला किया है। इसमें 92 प्रतिशत टैरिफ लाइनों को शामिल किया गया है। वहीं, भारत ने EFTA के सामने 82.7 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर रियायतें दी हैं। हालांकि कुछ क्षेत्रों को सुरक्षा प्रदान की गई है। इनमें फार्मा, मेडिकल डिवाइसेज, डेयरी, प्रोसेस्ड फूड, सोया, कोयला और कुछ कृषि उत्पाद शामिल हैं।

गोल्ड पर कोई बदलाव नहीं होगा क्योंकि भारत का EFTA से 80 प्रतिशत से अधिक आयात सोने का है। इसके अलावा आईटी, शिक्षा, बिजनेस सेवाओं और ऑडियो-विजुअल सेवाओं में नए अवसर मिलेंगे। भारतीय पेशेवर नर्सिंग, चार्टर्ड अकाउंटेंसी और आर्किटेक्चर जैसे क्षेत्रों में भी इस समझौते से लाभ उठा सकेंगे।

भारतीय बाजार में सस्ती यूरोपीय चीजें

FTA के लागू होने से भारत में कई यूरोपीय उत्पादों की कीमतें घटेंगी। विशेष रूप से स्विट्जरलैंड की वाइन, चॉकलेट, कपड़े, बिस्किट, अंगूर, ड्राई फ्रूट्स, सब्जियां, कॉफी और घड़ियां अब भारतीय बाजार में सस्ती उपलब्ध होंगी। इसके अलावा भारत के इंजीनियरिंग गुड्स, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, केमिकल्स और प्लास्टिक प्रोडक्ट्स को भी लाभ होगा।

पीयूष गोयल का बयान

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस ऐतिहासिक समझौते के लागू होने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि भारत अब यूरोपीय देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के मामले में मजबूती और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। इसके जरिए भारतीय निर्यातकों, उद्योगपतियों और सेवा प्रदाताओं के लिए बेहतर अवसर पैदा होंगे और लाखों लोगों के लिए रोजगार सृजन होगा।

भारत के अब तक के FTA

भारत अब तक 16 देशों और ब्लॉक्स के साथ FTA कर चुका है। इनमें श्रीलंका, भूटान, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, कोरिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, UAE, UK, मॉरीशस और आसियान शामिल हैं।

2014 के बाद भारत ने पाँच नए FTA साइन किए हैं। इनमें मॉरीशस, UAE, ऑस्ट्रेलिया, EFTA और UK शामिल हैं। इसके अलावा अमेरिका, ओमान, यूरोपीय यूनियन, पेरू, चिली, न्यूजीलैंड और इजराइल के साथ भी भारत मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है।

क्या होता है FTA

FTA यानी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट एक ऐसा समझौता है जो दो या दो से अधिक देशों के बीच होता है। इसमें व्यापार पर लगने वाले शुल्क (टैरिफ) को कम या पूरी तरह हटाया जाता है। इसका उद्देश्य देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देना और व्यापारिक अवरोधों को खत्म करना होता है।

FTA के तहत उत्पादों पर कम शुल्क या शुल्क मुक्त व्यापार की सुविधा मिलती है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ता है और आर्थिक फायदा होता है।

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