Columbus

AI Browser अलर्ट: Perplexity AI से बढ़ सकता है आपके डेटा हैक होने का खतरा

AI Browser अलर्ट: Perplexity AI से बढ़ सकता है आपके डेटा हैक होने का खतरा

AI Browser अलर्ट: Perplexity AI से बढ़ सकता है आपके डेटा हैक होने का खतरा

Perplexity AI के Comet ब्राउज़र में एक गंभीर सुरक्षा खामी सामने आई है, जिससे हैकर्स आसानी से यूजर्स का ईमेल और लॉगिन डेटा चुरा सकते हैं। Brave की रिपोर्ट के मुताबिक यह कमजोरी पूरी तरह ठीक नहीं हुई है। यह घटना बताती है कि बढ़ती लोकप्रियता के बीच AI ब्राउज़र्स की सुरक्षा को और मजबूत करना बेहद जरूरी है।

AI Browser Security Risk: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तेजी से बढ़ते दौर में जहां AI ब्राउज़र्स लोकप्रिय हो रहे हैं, वहीं इनकी सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। हाल ही में Perplexity AI के Comet ब्राउज़र में एक खतरनाक सुरक्षा खामी का खुलासा हुआ है, जिससे हैकर्स यूजर्स की निजी जानकारी जैसे ईमेल और लॉगिन क्रेडेंशियल्स चुरा सकते हैं। यह खामी ब्राउज़र के AI असिस्टेंट से जुड़ी है, जो वेबपेज का कंटेंट समराइज करता है। Brave की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने भले ही समाधान का दावा किया हो, लेकिन समस्या अब भी अधूरी बनी हुई है।

AI ब्राउज़र में बड़ा सुरक्षा खतरा

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में जहां AI ब्राउज़र्स तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं, वहीं साइबर सिक्योरिटी को लेकर बड़ी चिंता सामने आई है। Perplexity AI के Comet ब्राउज़र में एक गंभीर सुरक्षा खामी पाई गई है। साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस खामी का फायदा उठाकर हैकर्स आसानी से यूजर्स की संवेदनशील जानकारी जैसे ईमेल एड्रेस और लॉगिन क्रेडेंशियल्स चुरा सकते हैं।

कैसे काम करता है यह अटैक

सिक्योरिटी रिपोर्ट्स के अनुसार, यह कमजोरी Comet ब्राउज़र के AI असिस्टेंट से जुड़ी है, जो वेबपेज का कंटेंट समराइज करने की सुविधा देता है। अगर कोई यूजर किसी ऐसे वेबपेज पर जाता है, जिसमें पहले से हैकर्स ने छिपे निर्देश डाले हों और फिर कंटेंट समराइज करने के लिए असिस्टेंट का इस्तेमाल करता है, तो यूजर सीधे हैकिंग के जाल में फंस सकता है। सबसे खतरनाक पहलू यह है कि यह हमला सामान्य वेब पेज सिक्योरिटी को भी बेअसर कर देता है।

हैकिंग अब आसान सिर्फ भाषा से हो सकता है हमला

Brave के एक ब्लॉग पोस्ट में दावा किया गया है कि इस तरह का हमला बेहद आसान है। हैकर्स को एडवांस कोडिंग की जरूरत नहीं होती, वे सिर्फ नेचुरल लैंग्वेज कमांड्स का इस्तेमाल करके भी संवेदनशील डेटा हासिल कर सकते हैं। यही वजह है कि साइबर एक्सपर्ट्स इसे बेहद चिंताजनक मान रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना AI टूल्स की सिक्योरिटी पर गंभीर सवाल उठाती है, क्योंकि बिना सहमति किसी के बैंक अकाउंट, ईमेल या अन्य प्राइवेट डेटा तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।

Perplexity का दावा और Brave की चेतावनी

Perplexity ने दावा किया है कि उसके ब्राउज़र में मिली सुरक्षा खामी को ठीक कर दिया गया है, लेकिन Brave की हालिया रिपोर्ट इससे उलट तस्वीर पेश करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, अभी भी समाधान अधूरा है और यही कारण है कि इस मुद्दे को फिर से रिपोर्ट किया गया है। यह साफ दर्शाता है कि AI ब्राउज़र्स की सुरक्षा को मजबूत करना अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है।

Leave a comment