अमेरिका ने चीन में AI चिप्स के एक्सपोर्ट पर लगे बैन को हटा लिया है, लेकिन इसके लिए Nvidia और AMD जैसी कंपनियों को चीन में होने वाली बिक्री से होने वाले मुनाफे का 15 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकी सरकार को देना होगा। यह कदम अमेरिका की सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है ताकि चीन की सैन्य तकनीक विकास को रोका जा सके। इस डील के बाद Nvidia को साल की शुरुआत में हुए अरबों डॉलर के नुकसान से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
AI Chip Export: अमेरिका ने चीन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चिप्स के एक्सपोर्ट पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की शर्त पर Nvidia और AMD जैसी प्रमुख चिप निर्माता कंपनियों से उनके चीन में होने वाले मुनाफे का 15 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकी सरकार को देने का प्रस्ताव स्वीकार किया है। यह फैसला अक्टूबर 2022 में बाइडेन प्रशासन द्वारा लगाए गए एक्सपोर्ट कंट्रोल नियमों के तहत आया है, जिसका उद्देश्य चीन की एडवांस्ड तकनीक तक पहुंच को सीमित करना था। इस समझौते से Nvidia और AMD को चीन में अपने AI चिप्स की बिक्री फिर से शुरू करने का मौका मिलेगा, जिससे उनके वित्तीय नुकसान में कमी आएगी।
एक्सपोर्ट बैन और आर्थिक नुकसान
अक्टूबर 2022 में अमेरिका ने चीन को एडवांस्ड AI और सेमीकंडक्टर चिप्स के निर्यात पर रोक लगा दी थी। इसका मकसद चीन की सैन्य और तकनीकी ताकत को बढ़ने से रोकना था। खासकर, AI चिप्स का इस्तेमाल मिलिट्री टेक्नोलॉजी और ऑटोनॉमस हथियारों के विकास में होता है। इसी कारण अमेरिका ने Nvidia के H100 और A100 जैसे GPU चिप्स की चीन में बिक्री पर प्रतिबंध लगाया। इस प्रतिबंध की वजह से Nvidia को साल की शुरुआत में करीब 5.5 अरब डॉलर का बड़ा नुकसान हुआ।
Nvidia और AMD की शर्तें और अमेरिकी प्रशासन की सहमति
निविडिया के सीईओ जेनसन हुआंग ने इस वित्तीय संकट को कम करने के लिए अमेरिकी प्रशासन से बात की। उन्होंने बुधवार को अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात की थी। इसके बाद Nvidia और AMD ने अमेरिका के नियमों का पालन करते हुए चीन में AI चिप्स की बिक्री से होने वाले मुनाफे का 15 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकी सरकार को देने पर सहमति जताई। Nvidia के H20 चिप और AMD के MI308 चिप इसी समझौते के अंतर्गत आते हैं।
सुरक्षा के साथ आर्थिक संतुलन की कोशिश
बाइडेन प्रशासन ने यह एक्सपोर्ट कंट्रोल इसलिए लगाया था ताकि चीन की सैन्य क्षमता पर अंकुश लगाया जा सके। अमेरिका को डर था कि चीन इन AI चिप्स के जरिए अपनी मिलिट्री ताकत बढ़ा सकता है। लेकिन, इस प्रतिबंध के कारण अमेरिकी कंपनियों को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए भी ठीक नहीं था। इस नए समझौते के जरिए अमेरिका ने सुरक्षा और आर्थिक दोनों पक्षों का संतुलन बनाने की कोशिश की है।
अमेरिका की नई नीति का असर
यह नई नीति अमेरिका को चीन में अपनी टेक्नोलॉजी भागीदारी बनाए रखने में मदद करेगी, जबकि चीन को भी एडवांस्ड AI चिप्स का इस्तेमाल जारी रखने का मौका मिलेगा। Nvidia ने बताया कि वह अमेरिका के बनाए नियमों का पूरी तरह पालन कर रही है और दुनिया भर में अपने बाजार को संतुलित रखने का प्रयास कर रही है।