कानपुर में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना सज्जाद नोमानी ने भड़काऊ तकरीर देकर मुस्लिम समाज से तब्दीली की बात कही। उनके बयान पर मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
कानपु: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के वरिष्ठ सदस्य मौलाना सज्जाद नोमानी का भड़काऊ बयान चर्चा का केंद्र बन गया है। कानपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिए गए उनके भाषण में मुस्लिम समाज को "तब्दीली" के लिए उकसाने की बात कही गई। उनके इस बयान पर अब राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं। मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने सज्जाद नोमानी को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि भारत में मुसलमानों की स्थिति दुनिया में सबसे बेहतर है और किसी भी तरह की भड़काऊ राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सज्जाद नोमानी का बयान
कानपुर में दिए गए भाषण के दौरान सज्जाद नोमानी ने कहा कि समाज में तब्दीली की ख्वाहिश तो है लेकिन इसमें देरी हो रही है। उन्होंने सवाल किया कि इस बदलाव का कोई स्पष्ट मॉडल क्यों नहीं है। मौलाना ने दावा किया कि आम लोग लंबे समय तक मौजूदा हालात को तमाशे की तरह नहीं देखते।
उन्होंने आगे कहा कि जब हालात ज्यादा बिगड़ते हैं तो जनता मैदान में उतर जाती है। लोग गोलियां खाते हैं, जेल जाते हैं, जान गंवाते हैं, फिर भी बदलाव की मांग से पीछे नहीं हटते। सज्जाद के इन बयानों को कई लोग समाज को भड़काने की कोशिश मान रहे हैं।
भड़काऊ अंदाज में दी गई दलील
नोमानी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि समय रहते हालात पर ध्यान देना जरूरी है। उनके मुताबिक जनता में बदलाव की लहर है लेकिन नेताओं और बुद्धिजीवियों ने इस ओर पर्याप्त तवज्जो नहीं दी है। उन्होंने कहा कि “Status Quo” यानी मौजूदा हालात को जनता ज्यादा समय तक बर्दाश्त नहीं करेगी।
भाषण में इस्तेमाल किए गए शब्दों और लहजे को लेकर सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं। कई लोगों ने आरोप लगाया कि यह भाषण युवाओं को भड़काने वाला है, जबकि कुछ ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा बताया।
मंत्री विश्वास सारंग का पलटवार
मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने सज्जाद नोमानी पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मौलाना यह मत भूलें कि भारत में मुसलमानों को पूरी स्वतंत्रता है। यदि वास्तव में उन पर अत्याचार हो रहा होता तो वे इतनी आसानी से मंच से भाषण नहीं दे पाते।
सारंग ने कहा कि दुनिया में मुसलमानों की सबसे अच्छी स्थिति भारत में है। उन्होंने आरोप लगाया कि कठमुल्ला और तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले नेता ही मुसलमानों की वास्तविक प्रगति में बाधक बने हैं। मंत्री ने साफ कहा कि ज्यादा बयानबाजी करने वालों को देश में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सज्जाद नोमानी के बयान से राजनीतिक माहौल गरमाया
सज्जाद नोमानी का बयान ऐसे समय आया है जब देश में कई राज्यों में चुनावी माहौल है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के बयान माहौल को और तनावपूर्ण बना सकते हैं। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ही इस मुद्दे को अपने-अपने तरीके से भुनाने की कोशिश कर रहे हैं।
स्थानीय स्तर पर भी इस बयान ने बहस को जन्म दिया है। एक वर्ग इसे खतरनाक प्रवृत्ति मान रहा है, जबकि दूसरा इसे केवल राजनीतिक बयानबाजी करार दे रहा है। हालांकि, प्रशासनिक स्तर पर नजर रखी जा रही है ताकि किसी भी तरह का साम्प्रदायिक तनाव न बढ़े।