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अंतरराष्ट्रीय जु-जित्सु खिलाड़ी रोहिणी कलम ने की आत्महत्या, 2007 में की थी अपने खेल करियर की शुरुआत

अंतरराष्ट्रीय जु-जित्सु खिलाड़ी रोहिणी कलम ने की आत्महत्या, 2007 में की थी अपने खेल करियर की शुरुआत

मध्य प्रदेश के देवास शहर से एक हृदयविदारक खबर सामने आई है। भारत का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व कर चुकीं जु-जित्सु खिलाड़ी और कोच रोहिणी कलम (35) ने रविवार को आत्महत्या कर ली। 

स्पोर्ट्स न्यूज़: एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी जु-जित्सु खिलाड़ी रोहिणी कलम (35) की मौत की खबर ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। रविवार को मध्य प्रदेश के देवास शहर स्थित अर्जुन नगर, राधागंज इलाके में उनके घर से उनका शव फांसी के फंदे पर लटका मिला। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, उनकी छोटी बहन रोशनी कलम ने कमरे में रोहिणी को इस स्थिति में देखा और तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 

इस दुखद घटना ने न केवल देवास बल्कि पूरे खेल जगत को गहरे शोक में डाल दिया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, जबकि खिलाड़ी की असामयिक मौत पर खेल समुदाय ने गहरी संवेदना व्यक्त की है।

घटना का विवरण

जानकारी के अनुसार, रविवार सुबह रोहिणी की छोटी बहन रोशनी कलम ने कमरे में जाकर देखा तो दरवाजा अंदर से बंद था। जब दरवाजा तोड़ा गया, तो अंदर रोहिणी का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटना के समय घर पर कोई अन्य सदस्य मौजूद नहीं था। रोहिणी की मां अपनी एक अन्य बेटी के साथ देव दर्शन के लिए बाहर गई थीं, जबकि पिता भी किसी काम से बाहर थे।

परिवार के अनुसार, रोहिणी पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव में थीं। वे आष्टा के एक निजी स्कूल में मार्शल आर्ट कोच के रूप में कार्यरत थीं। बहन रोशनी ने बताया कि स्कूल से संबंधित कुछ कारणों को लेकर वे परेशान थीं। शनिवार को ही वे देवास स्थित अपने घर लौटी थीं। रविवार सुबह उन्होंने सामान्य रूप से चाय-नाश्ता किया, फोन पर बातचीत की और फिर अपने कमरे में चली गईं। इसके बाद यह दर्दनाक घटना घटित हुई।

फिलहाल पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज कर लिया है। घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। देवास के बैंक नोट प्रेस थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।

रोहिणी कलम: भारत की उभरती जु-जित्सु स्टार

रोहिणी कलम का नाम जु-जित्सु खेल में देश के लिए गौरव का विषय रहा है। उन्होंने 2007 में अपने खेल करियर की शुरुआत की थी और 2015 से पेशेवर रूप से जु-जित्सु खेल में सक्रिय रहीं। वे भारत की ओर से कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुकी थीं, जिनमें प्रमुख हैं:

  • 19वें एशियाई खेल (Asian Games 2023), हांगझोऊ, चीन — रोहिणी ने यहां भारत का प्रतिनिधित्व किया।
  • वर्ल्ड गेम्स (Birmingham) के लिए चुनी जाने वाली एकमात्र भारतीय खिलाड़ी रहीं।
  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने भारत के लिए कई पदक जीते।

उनका समर्पण, अनुशासन और देश के लिए खेलने का जुनून युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। रोहिणी चार बहनों में सबसे बड़ी थीं। उनके पिता बैंक नोट प्रेस, देवास में कार्यरत थे और अब सेवानिवृत्त हैं। खेलों में उनकी रुचि बचपन से ही रही थी। वे न केवल खिलाड़ी थीं, बल्कि एक कुशल कोच और मेंटर के रूप में भी पहचानी जाती थीं। कई युवा खिलाड़ियों ने उनके मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लिया और राष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त की।

 

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