असम में CM हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हिंदू आबादी घटकर 40% हो गई है, मुस्लिम आबादी लगभग बराबर। उन्होंने अवैध घुसपैठ को इसका मुख्य कारण बताया और केंद्र के जनसांख्यिकी मिशन का समर्थन किया।
Assam: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य की जनसंख्या पर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि असम में अब हिंदुओं की संख्या कुल आबादी का लगभग 40 प्रतिशत रह गई है, जो राज्य में मुस्लिम आबादी के लगभग बराबर है। मुख्यमंत्री ने यह जानकारी एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से साझा की।
सरमा ने बताया कि 2021 के अनुमानों के अनुसार मुस्लिम आबादी 38 प्रतिशत के आंकड़े को पार कर गई है और वर्तमान में यह लगभग 39.5 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये आंकड़े 2011 की जनगणना के अनुमानों पर आधारित हैं। इस तरह, हिंदू आबादी और मुस्लिम आबादी के बीच का अंतर काफी कम हो गया है।
ईसाई और अन्य समुदायों की स्थिति
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि असम में ईसाई आबादी लगभग 6-7 प्रतिशत है। यदि अन्य हिस्सों और समुदायों की आबादी को अलग रखा जाए, तो असम में हिंदू आबादी अब 40 प्रतिशत से अधिक नहीं है। इसका मतलब यह है कि राज्य की सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है।
घुसपैठ को बताया मुख्य कारण
हिमंत बिस्वा सरमा ने असम में जनसांख्यिकीय बदलाव के पीछे अवैध घुसपैठ को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि जैसे माजुली, जो कि वैष्णव संस्कृति का केंद्र और दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप है, वहाँ मुस्लिम आबादी में 100 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। मुख्यमंत्री का कहना है कि यह वृद्धि स्थानीय मुसलमानों की स्वाभाविक वृद्धि के कारण नहीं, बल्कि अवैध घुसपैठियों के कारण हुई है।
सरमा ने इस बदलाव को "जनसांख्यिकीय परिवर्तन का बड़ा शिकार" बताते हुए चेतावनी दी कि यदि इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया गया तो असम की सामाजिक संरचना पर लंबे समय तक असर पड़ सकता है।
केंद्र सरकार के जनसांख्यिकी मिशन का समर्थन
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के भाषण में घोषित जनसांख्यिकी मिशन को इस मुद्दे के समाधान की दिशा में पहला निर्णायक कदम बताया। उनका कहना है कि यह मिशन अवैध घुसपैठ और जनसंख्या संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
सरमा ने यह भी बताया कि सरकार इस दिशा में गंभीर है और आने वाले समय में राज्य में जनसंख्या संतुलन बनाए रखने के लिए और कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जनसांख्यिकी मिशन के माध्यम से असम में सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना को संरक्षित करने की कोशिश की जाएगी।
2011 की जनगणना के आंकड़े
मुख्यमंत्री के दावों के संदर्भ में यह याद दिलाना जरूरी है कि 2011 की जनगणना के अनुसार असम में हिंदुओं की आबादी लगभग 61.47 प्रतिशत थी, जबकि मुस्लिम आबादी लगभग 34.22 प्रतिशत थी। अब यह आंकड़ा बदल गया है और हिंदू आबादी घटकर लगभग 40 प्रतिशत रह गई है। इस बदलाव को राज्य और देश में राजनीतिक और सामाजिक बहस का विषय माना जा रहा है।