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बेंगलुरु में ED की कार्रवाई, अवैध भूमि आवंटन मामले में MUDA के पूर्व आयुक्त दिनेश कुमार गिरफ्तार

बेंगलुरु में ED की कार्रवाई, अवैध भूमि आवंटन मामले में MUDA के पूर्व आयुक्त दिनेश कुमार गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय ने एमयूडीए के पूर्व आयुक्त दिनेश कुमार को अवैध भूमि आवंटन घोटाले में गिरफ्तार किया। उन पर धन शोधन का आरोप है। एजेंसी उन्हें बेंगलुरु की पीएमएलए अदालत में पेश कर उनकी हिरासत की मांग करेगी।

Karnataka: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को एमयूडीए के पूर्व आयुक्त दिनेश कुमार को अवैध भूमि आवंटन घोटाले में गिरफ्तार किया। उन पर धन शोधन गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप है। अधिकारियों ने बताया कि कुमार को बेंगलुरु स्थित विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में पेश किया जाएगा, जहां एजेंसी उनकी हिरासत की मांग करेगी।

गिरफ्तारी के पीछे का मामला

ईडी ने बताया कि यह गिरफ्तारी एमयूडीए के अवैध भूमि आवंटन मामले की जांच के दौरान की गई है। मंगलवार को एजेंसी ने बेंगलुरु में दिनेश कुमार के दो आवासीय परिसरों की तलाशी ली। अधिकारियों ने कहा कि तलाशी के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सबूत बरामद किए गए हैं।

कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस की प्राथमिकी के आधार पर ईडी यह जांच कर रही है कि दिनेश कुमार ने अपने कार्यकाल के दौरान एमयूडीए की भूमि का ‘‘बड़े पैमाने पर अवैध आवंटन’’ कर विशेष लाभ कमाए। एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि जांच में दिनेश कुमार की धन शोधन गतिविधियों में सक्रिय संलिप्तता सामने आई है।

धन शोधन और अवैध आवंटन

ईडी के अनुसार, दिनेश कुमार ने एमयूडीए आयुक्त के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया। उन्होंने ‘‘विशेष लाभ’’ के बदले भूमि का अवैध आवंटन किया। एजेंसी ने बताया कि यह कार्रवाई एमयूडीए की भूमि आवंटन प्रक्रिया में अनियमितताओं और धन शोधन से जुड़ी जांच का हिस्सा है।

जांच में यह भी सामने आया कि कुछ जमीनें मुख्यमंत्री के परिवार और उनके करीबी लोगों से जुड़ी हुई थीं। इनमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी बी.एम. पार्वती और अन्य रिश्तेदारों का नाम शामिल है। कहा जा रहा है कि कुछ जमीनें इन लोगों के नाम पर खरीदी गई और उपहार के रूप में दी गई।

कर्नाटक सरकार की प्रतिक्रिया

कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि एमयूडीए भूमि आवंटन मामले में हाल ही में उच्चतम न्यायालय द्वारा की गई कार्रवाई देश में न्याय व्यवस्था की मजबूती को दिखाती है। उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों में ईडी के आचरण पर सवाल उठाने के बाद एमयूडीए मामले में बी.एम. पार्वती के खिलाफ कार्रवाई रद्द करने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा।

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