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भारत पर 50% टैरिफ लागू, लेकिन इन भारतीय कंपनियों को अमेरिका ने दी छूट, चेक करें पूरी डिटेल्स

भारत पर 50% टैरिफ लागू, लेकिन इन भारतीय कंपनियों को अमेरिका ने दी छूट, चेक करें पूरी डिटेल्स

अमेरिका ने भारत से आने वाले कई उत्पादों पर 50% तक टैरिफ लगाया है, लेकिन राहत की बात यह है कि फार्मा, ऑटो, ऑटो पार्ट्स और मेटल्स सेक्टर को इस पेनल्टी से छूट मिली है। इससे Sun Pharma, Tata Motors, Motherson Sumi, JSW Steel और Hindalco जैसी कंपनियों का एक्सपोर्ट बिज़नेस सुरक्षित रहेगा और निवेशकों पर गिरावट का बड़ा असर नहीं होगा।

US 50% Tariff on India: अमेरिका ने भारत से आयातित उत्पादों पर 25% अतिरिक्त ड्यूटी लगाते हुए कुल टैरिफ 50% कर दिया है, जिससे भारतीय एक्सपोर्टर्स को झटका लगा है। हालांकि, अहम सेक्टर्स जैसे फार्मा, ऑटो, ऑटो पार्ट्स, आयरन-स्टील, एल्युमिनियम और कॉपर को इस पेनल्टी से बाहर रखा गया है। फार्मा दवाइयों पर अमेरिकी हेल्थ सिस्टम की निर्भरता और मेटल्स-ऑटो सप्लाई चेन की अहमियत को देखते हुए यह छूट दी गई है। इस कदम से Sun Pharma, Tata Motors, Motherson Sumi, JSW Steel और Hindalco जैसी कंपनियां ग्लोबल मार्केट में प्रतिस्पर्धी बनी रहेंगी, जबकि टेक्सटाइल, श्रिम्प और जेम्स-ज्वेलरी सेक्टर्स पर दबाव बढ़ेगा।

फार्मा सेक्टर को मिली बड़ी राहत

भारत से अमेरिका को सबसे ज्यादा जेनेरिक दवाइयां और लाइफ-सेविंग ड्रग्स एक्सपोर्ट की जाती हैं। अमेरिकी हेल्थकेयर सिस्टम इन दवाइयों पर काफी हद तक निर्भर है। यही वजह है कि इस सेक्टर को टैरिफ से बाहर रखा गया है। इसका सीधा फायदा Sun Pharma, Dr. Reddy’s, Cipla और Lupin जैसी कंपनियों को मिलेगा। इन कंपनियों के एक्सपोर्ट पर किसी तरह की रुकावट नहीं होगी और उनकी कमाई भी स्थिर बनी रह सकती है।

अमेरिकी सड़कों पर दौड़ेंगी टाटा-महिंद्रा

भारत से अमेरिका में जाने वाली पैसेंजर व्हीकल्स और लाइट ट्रक्स पर भी अतिरिक्त ड्यूटी लागू नहीं होगी। इसका मतलब है कि Tata Motors और Mahindra जैसी कंपनियां अमेरिकी मार्केट में अपनी पकड़ बनाए रख सकेंगी। इस फैसले से भारतीय ऑटो सेक्टर के लिए राहत का माहौल बना है क्योंकि एक्सपोर्ट डिमांड पर कोई खतरा नहीं रहेगा।

ऑटो पार्ट्स सप्लाई चेन सुरक्षित

भारतीय ऑटो कंपोनेंट्स की अमेरिकी बाजार में बड़ी मांग है। अमेरिका ने इस सप्लाई चेन को भी टैरिफ से बाहर रखा है। Motherson Sumi और Bharat Forge जैसी कंपनियां पहले से ही अमेरिकी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की अहम सप्लायर हैं। इन पर पेनल्टी न लगने से उनका कारोबार पहले की तरह चलता रहेगा।

इस्पात उद्योग को छूट

अमेरिका की इंडस्ट्री में भारतीय इस्पात का अहम योगदान है। यही वजह है कि लौह और इस्पात उत्पादों पर अतिरिक्त 25% ड्यूटी नहीं लगाई गई है। JSW Steel और Tata Steel जैसी कंपनियों को इससे फायदा होगा। फिलहाल इन कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार में कोई बाधा नहीं है और उनका एक्सपोर्ट कारोबार जारी रहेगा।

एल्युमिनियम पर नहीं बढ़ा बोझ

भारत का एल्युमिनियम अमेरिका के लिए इंडस्ट्रियल इस्तेमाल में अहम है। इसीलिए इस पर भी टैरिफ की पेनल्टी लागू नहीं की गई है। Hindalco जैसी कंपनियां एल्युमिनियम एक्सपोर्ट से फायदा उठाती रहेंगी और उन पर ग्लोबल प्राइस प्रेशर का अतिरिक्त बोझ नहीं बढ़ेगा।

कॉपर उत्पादों को भी छूट

कॉपर और उससे जुड़े उत्पाद इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में अहम भूमिका निभाते हैं। अमेरिकी सप्लाई चेन इस धातु पर काफी हद तक निर्भर है। भारत से आने वाले कॉपर उत्पादों को भी छूट दी गई है। इसका मतलब है कि भारतीय कॉपर इंडस्ट्री के लिए अमेरिकी बाजार सुरक्षित रहेगा।

किन सेक्टर्स पर दबाव बना रहेगा

जहां एक तरफ फार्मा, ऑटो, ऑटो पार्ट्स और मेटल सेक्टर्स को राहत मिली है, वहीं दूसरी तरफ कई सेक्टर्स को अमेरिकी टैरिफ का सामना करना होगा। इसमें टेक्सटाइल्स, झींगा (श्रिम्प), और जेम्स एंड ज्वेलरी जैसे सेक्टर्स शामिल हैं। इन उत्पादों पर टैरिफ का सीधा असर होगा और एक्सपोर्टर्स को अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा झेलनी पड़ेगी।

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