भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावे को खारिज किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें रूस से तेल की खरीद घटाने का आश्वासन दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को विविध और व्यापक तरीके से पूरा कर रहा है। रूस के साथ ऊर्जा सहयोग जारी रहेगा और भारतीय नीति उपभोक्ताओं के हितों पर केंद्रित है।
Russia Oil: नई दिल्ली में भारत ने ट्रंप के दावे को खारिज किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें रूस से तेल की खरीद घटाने का आश्वासन दिया। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत बाजार स्थितियों के अनुसार अपने ऊर्जा स्रोतों को विविध और व्यापक बना रहा है। रूस भारत का भरोसेमंद ऊर्जा साझेदार है और आयात नीतियां उपभोक्ताओं के हितों के अनुरूप हैं। रूस और अमेरिका दोनों के साथ ऊर्जा सहयोग पर चर्चा जारी है, जबकि विपक्ष ने इस मामले पर सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाए हैं।
ऊर्जा में विविधता पर जोर
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों को विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है। भारत अमेरिका, ब्राजील और रूस सहित कई देशों से तेल और गैस आयात करता है। मंत्रालय ने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा नीति में व्यापक और विविधतापूर्ण दृष्टिकोण अपनाता है, ताकि घरेलू उपभोक्ताओं के हित सुरक्षित रहें।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि भारत तेल और गैस का बड़ा आयातक है और अस्थिर वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के साथ ऊर्जा सहयोग को गहरा करने के लिए बातचीत जारी है और पिछले कुछ वर्षों में भारत ने अमेरिकी ऊर्जा खरीद में विस्तार करने का प्रयास किया है।
ट्रंप के दावे का विरोध
डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को दावा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत के रूस से तेल खरीदने से खुश नहीं था क्योंकि इससे रूस युद्ध जारी रख सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि भारत तुरंत खरीद में कटौती नहीं कर सकता, लेकिन प्रक्रिया शुरू हो गई है।
हालांकि विदेश मंत्रालय ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि भारत की ऊर्जा खरीद पर किसी भी तरह का राजनीतिक दबाव या किसी देश के निर्देश का असर नहीं होगा। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत की नीतियां अपने आर्थिक और राष्ट्रीय हितों के अनुरूप बनाई जाती हैं।
भारत-रूस ऊर्जा सहयोग
रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि रूस का कच्चा तेल भारत के कुल हाइड्रोकार्बन आयात का लगभग एक तिहाई है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ ऊर्जा संबंध राष्ट्रीय हितों के अनुरूप हैं और रूस वैकल्पिक लॉजिस्टिक्स और भुगतान प्रणालियों के माध्यम से सहयोग को निरंतर जारी रख रहा है।
रूस के उप प्रधानमंत्री अलेक्सांद्र नोवाक ने भी कहा कि रूस और भारत के बीच ऊर्जा सहयोग जारी रहेगा। उन्होंने यह टिप्पणी ट्रंप के दावे के जवाब में की कि भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है। नोवाक ने कहा कि भारत के साथ सहयोग आर्थिक रूप से व्यवहार्य और संभव है।
अमेरिका और भारत की ऊर्जा बातचीत
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत अमेरिका के साथ ऊर्जा सहयोग पर बातचीत कर रहा है। ब्राजील से भी तेल खरीदने की प्रक्रिया जारी है और इसके लिए ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमीन भारत में हैं। मंत्रालय ने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के अनुसार स्रोतों का चयन करता है और इसे राष्ट्रीय हितों के अनुरूप बनाए रखता है।
पीएम मोदी की कुआलालंपुर यात्रा और अमेरिका से मुलाकात
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री की कुआलालंपुर यात्रा इस बात पर निर्भर करेगी कि वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में अमेरिकी अधिकारियों के साथ व्यापार वार्ता में कितनी प्रगति होती है। यात्रा का अंतिम फैसला पीएम मोदी के कार्यक्रम और बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार पर भी निर्भर करेगा।
विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि पीएम मोदी और ट्रंप की आखिरी बातचीत फरवरी में वाशिंगटन डीसी में हुई थी, जिसमें व्यापार वार्ता और गाजा शांति योजना पर चर्चा की गई थी। हाल ही में कोई फोन कॉल नहीं हुई थी, जैसा ट्रंप ने दावा किया था।