मोतिहारी में प्रशांत किशोर ने कहा कि 40% हिंदू और 20% मुस्लिम एकजुट हों तो जन सुराज बिहार और यूपी में नीतीश व योगी सरकार को हरा सकता है। उनकी पार्टी तीसरे विकल्प के रूप में उभरना चाहती है।
Bihar Assembly Election: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीति में एक नई हलचल मची है। इस बार चर्चा में है प्रशांत किशोर और उनकी नई पार्टी 'जन सुराज'। कभी राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं के लिए चुनावी जीत का खाका तैयार करने वाले प्रशांत किशोर अब खुद मैदान में उतर चुके हैं। उनका दावा है कि अगर उन्हें मुसलमानों का समर्थन मिलता है तो उनकी पार्टी न सिर्फ बिहार बल्कि उत्तर प्रदेश की सियासत में भी बड़ा बदलाव ला सकती है।
मोतिहारी से दी बड़ी चुनौती
मोतिहारी में आयोजित एक सभा में प्रशांत किशोर ने खुलकर कहा कि अगर 40 फीसदी हिंदू और 20 फीसदी मुसलमान एकजुट हो जाएं तो उनकी पार्टी जन सुराज बिहार में नीतीश कुमार और बीजेपी को सत्ता से बाहर कर सकती है। यही नहीं, उन्होंने आगे कहा कि दो साल बाद उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को भी हराया जा सकता है। प्रशांत किशोर के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है क्योंकि यह सीधे-सीधे NDA सरकार को चुनौती देने जैसा है।
मुसलमानों को साधने की कोशिश
सभा में प्रशांत किशोर ने साफ शब्दों में कहा, "मैं अपने मुस्लिम भाइयों को आमंत्रित करने आया हूं। अगर हमें मुसलमानों का साथ मिलता है तो हम न सिर्फ बिहार बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं।" उनका यह संदेश साफ है कि जन सुराज हिंदू-मुस्लिम एकता के जरिए खुद को तीसरे विकल्प के रूप में पेश करना चाहता है, जो बीजेपी और महागठबंधन दोनों के लिए चुनौती बन सकता है।
नीतीश पर सीधा हमला
प्रशांत किशोर कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते थे। 2015 के चुनाव में उन्होंने ही नीतीश कुमार की वापसी का पूरा रोडमैप तैयार किया था। लेकिन अब वही प्रशांत किशोर नीतीश सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश अब शासन चलाने की स्थिति में नहीं हैं और लोगों को उनसे आगे देखना चाहिए। इस बयान से साफ है कि प्रशांत किशोर अब नीतीश कुमार को सीधे-सीधे चुनावी मैदान में चुनौती दे रहे हैं।
जन सुराज का मकसद
प्रशांत किशोर का मकसद साफ है—बिहार की राजनीति में 'जन सुराज' को तीसरे विकल्प के रूप में स्थापित करना। अभी तक राज्य में सीधा मुकाबला NDA और महागठबंधन के बीच रहा है, लेकिन प्रशांत किशोर इसे बदलना चाहते हैं। उनका कहना है कि अगर मुसलमानों और कुछ हिंदू समुदायों का समर्थन मिलता है तो जन सुराज चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल देगा।
हिंदू-मुस्लिम एकता पर जोर
अपने भाषण में प्रशांत किशोर ने बार-बार हिंदू-मुस्लिम एकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर 40 फीसदी हिंदू और 20 फीसदी मुसलमान एकजुट हो जाएं तो किसी भी राजनीतिक दल की जीत पक्की हो सकती है। यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी धर्म के नाम पर नहीं बल्कि विकास और बदलाव के नाम पर चुनाव लड़ेगी।
बिहार से यूपी तक की तैयारी
प्रशांत किशोर का फोकस सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं है। उनका कहना है कि अगर बिहार में जन सुराज को सफलता मिलती है तो यह मॉडल उत्तर प्रदेश में भी लागू किया जाएगा। उनका मानना है कि यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार को चुनौती देने के लिए एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है और जन सुराज यह भूमिका निभा सकता है।
'बिहार बदलाव यात्रा' से बना रहे माहौल
अपनी पार्टी के प्रचार के लिए प्रशांत किशोर 'बिहार बदलाव यात्रा' चला रहे हैं। इस यात्रा के जरिए वह जमीनी स्तर पर लोगों से सीधा संवाद कर रहे हैं और उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह यात्रा जन सुराज के लिए वोट बैंक तैयार करने की रणनीति का हिस्सा है।