AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार चुनाव 2025 में एनडीए को सत्ता से दूर रखने के लिए महागठबंधन से जुड़ने के संकेत दिए। सीमांचल के साथ राज्यभर में उम्मीदवार उतारने की तैयारी।
Bihar Election: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा राजनीतिक संकेत देते हुए कहा है कि उनकी पार्टी बिहार में एनडीए को सत्ता में वापस आने से रोकने के लिए महागठबंधन से बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा कि AIMIM ने विपक्षी दलों से संपर्क किया है और गठबंधन की संभावना पर चर्चा जारी है।
सीमांचल से बाहर भी मैदान में उतरेगी AIMIM
ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी न केवल सीमांचल क्षेत्र बल्कि राज्य के अन्य हिस्सों में भी अपने उम्मीदवार उतारेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर विपक्षी दल AIMIM को गठबंधन में शामिल नहीं करते तो पार्टी सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।
AIMIM को 2022 में लगा था झटका
बिहार के सीमांचल इलाके में AIMIM की अच्छी पकड़ मानी जाती है। हालांकि 2022 में पार्टी को उस वक्त बड़ा राजनीतिक झटका लगा जब उसके पांच में से चार विधायक राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल हो गए। इससे पार्टी की विधानसभा में मौजूदगी लगभग खत्म हो गई थी। लेकिन अब ओवैसी की नजर सीमांचल से आगे बढ़ते हुए राज्य के अन्य हिस्सों में भी अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत करने पर है।
महागठबंधन से संपर्क में AIMIM
ओवैसी ने बताया कि AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कांग्रेस, आरजेडी और अन्य विपक्षी दलों से बातचीत की है। उन्होंने कहा कि हमारा स्पष्ट उद्देश्य है कि भाजपा और एनडीए को बिहार में सत्ता में लौटने से रोका जाए। उन्होंने आगे कहा कि अब यह विपक्षी दलों पर निर्भर करता है कि वे AIMIM को साथ लेकर चलना चाहते हैं या नहीं।
महागठबंधन पर निर्भर है AIMIM का फैसला
ओवैसी ने कहा कि हम गठबंधन के लिए तैयार हैं लेकिन यदि वे हमें साथ नहीं लेते तो हम पूरे राज्य में अकेले चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सीटों की संख्या को लेकर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी लेकिन AIMIM राज्य में मजबूत भूमिका निभाना चाहती है।
'पहले भी कोशिश की थी साथ आने की'
ओवैसी ने याद दिलाया कि इससे पहले भी उनकी पार्टी ने महागठबंधन में शामिल होने की कोशिश की थी लेकिन बात नहीं बन सकी। उन्होंने कहा कि इस बार भी हम प्रयास कर रहे हैं ताकि भविष्य में कोई हमें दोष न दे सके कि हमने भाजपा को फायदा पहुंचाया।
वोटर लिस्ट की दोबारा जांच पर उठाए सवाल
AIMIM प्रमुख ने बिहार में चल रही वोटर लिस्ट जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने भारत के मुख्य चुनाव आयोग को पत्र लिखते हुए इस प्रक्रिया को 'कानूनी रूप से संदिग्ध' बताया और कहा कि इससे वास्तविक मतदाताओं को लिस्ट से बाहर किया जा सकता है।
एनआरसी लागू करने का आरोप
ओवैसी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह कवायद दरअसल बिहार में पिछले दरवाजे से एनआरसी लागू करने जैसा है। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने के लिए अब नागरिकों को यह साबित करना होगा कि उनके जन्म की तारीख और स्थान क्या है। साथ ही उन्हें अपने माता-पिता के जन्म की जानकारी भी देनी होगी।
गरीबों को लिस्ट से बाहर करने की आशंका
ओवैसी ने कहा कि यह प्रक्रिया गरीब और पिछड़े वर्गों के मतदाताओं को निशाना बना सकती है क्योंकि देश में केवल तीन-चौथाई बर्थ रजिस्ट्रेशन होते हैं और सरकारी दस्तावेजों में अक्सर त्रुटियां होती हैं। इससे इन वर्गों के मतदाताओं के संवैधानिक अधिकारों का हनन हो सकता है।