बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर एनडीए (NDA) में सीट शेयरिंग को लेकर जारी विवाद को सुलझाने के लिए बीजेपी के केंद्रीय नेता धर्मेंद्र प्रधान आज (बुधवार) पटना पहुंचे। वह पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक करेंगे और सहयोगी दलों के दावों को लेकर खुली चर्चा कर सकते हैं।
पटना: बीजेपी के बिहार प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान आज (बुधवार) पटना आएंगे। माना जा रहा है कि उनका मुख्य उद्देश्य एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर उलझे मामलों को सुलझाना होगा। पटना पहुंचने के बाद धर्मेंद्र प्रधान बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगे। खबरों के अनुसार, दोपहर एक बजे से बीजेपी की इंटरनल मीटिंग हो सकती है।
इस बैठक में सहयोगी दलों द्वारा बीजेपी की सीटों पर लगाए गए दावों पर चर्चा होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, चिराग पासवान ने बीजेपी की कुछ सीटों पर दावा किया है, जिसके चलते सीट शेयरिंग का मामला फंसा हुआ है। इसके बाद, चिराग पासवान के खगड़िया से पटना लौटने पर शाम को बीजेपी के नेता उनसे मुलाकात कर सकते हैं।
सीट शेयरिंग का विवाद
सूत्रों के अनुसार, एनडीए में सीट बंटवारे का मसला चिराग पासवान के दावों के कारण उलझा हुआ है। चिराग ने बीजेपी की कुछ सीटों पर दावा किया है, जिससे सहयोगी दलों के बीच संतुलन बनाने में कठिनाई आ रही है। पटना पहुंचने के बाद धर्मेंद्र प्रधान पार्टी की आंतरिक बैठक करेंगे। अनुमान है कि बैठक दोपहर 1 बजे शुरू होगी। इस बैठक का मकसद बीजेपी की सीटिंग सीटों और सहयोगी दलों के दावों को लेकर रणनीति तैयार करना है।
सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान आज शाम बीजेपी के नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। इससे पहले दिल्ली में मंगलवार (7 अक्टूबर, 2025) को बीजेपी के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावड़े और मंगल पांडेय चिराग पासवान से उनके आवास पर मिले थे।
कुशवाहा की सीटों पर बनी सहमति
दूसरी ओर, एनडीए में सीटों को लेकर उपेंद्र कुशवाहा के साथ बातचीत में सहमति बन चुकी है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी इस समय असम दौरे पर हैं, इसलिए 'हम' के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन से बीजेपी नेताओं ने बातचीत की है। सूत्रों के अनुसार कुशवाहा की सीटों को लेकर अब कोई विवाद नहीं है और इस हिस्से में एनडीए के लिए स्थिति साफ है। धर्मेंद्र प्रधान की बैठक में मुख्य एजेंडा होगा:
- सहयोगी दलों के दावे और उनकी मांगों का संतुलन।
- बीजेपी की सीटिंग सीटों पर दावा करने वाले सहयोगियों के साथ समाधान।
- सीट शेयरिंग पर अंतिम रणनीति तय करना और अगले दो-तीन दिनों में निर्णय।
एनडीए में सीटों के बंटवारे की अनिश्चितता के बीच महागठबंधन में भी सीटों का बंटवारा अभी तक नहीं हुआ है। यह चुनावी समीकरणों को और पेचीदा बनाता है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की मुख्य चुनौती यह है कि वह सहयोगी दलों के बीच संतुलन बनाए रखते हुए कुल सीटों पर पूर्ण नियंत्रण सुनिश्चित करे। बीजेपी की आंतरिक बैठकों और नेताओं की रणनीति इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।