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बुलंदशहर में NH-34 पर बस में लगी आग, यात्रियों ने बस से कूदकर बचाई जान

बुलंदशहर में NH-34 पर बस में लगी आग, यात्रियों ने बस से कूदकर बचाई जान

बुलंदशहर में NH-34 पर दादरी-हरदोई जा रही बस में आग लग गई। 70-80 यात्री सवार थे। गनीमत रही कि सभी सुरक्षित हैं, लेकिन ड्राइवर की लापरवाही से सामान जल गया और डरावनी स्थिति बनी।

बुलंदशहर: थाना खुर्जा देहात के पास NH-34 पर दादरी से हरदोई जा रही एक बस में आग लग गई। हादसे के समय बस में लगभग 70 से 80 यात्री सवार थे। राहत की बात यह रही कि सभी यात्री समय रहते बस से बाहर निकलने में सफल रहे और कोई घायल नहीं हुआ।

घटना के दौरान बस अचानक आग के गोले में बदल गई। यात्रियों ने अपनी सतर्कता और तेज़ प्रतिक्रिया से बड़ी त्रासदी को टाल दिया। यह हादसा राजस्थान के जैसलमेर में हुए बस हादसे की याद दिलाता है, लेकिन इस बार गंभीर नुकसान होने से बच गया।

ड्राइवर की लापरवाही से बस में आग लगी

यात्रियों ने बताया कि बस की स्थिति बहुत खराब थी। पहले से ही बस में ओवरहीटिंग की समस्या थी और इसे कई बार रास्ते में रोका गया था। बावजूद इसके ड्राइवर ने बस को बिना मरम्मत के चलाना जारी रखा। यही कारण था कि इंजन अत्यधिक गर्म हो गया और अचानक आग लग गई।

एक यात्री ने बताया कि बस में तेल (ऑयल) नहीं था, फिर भी ड्राइवर ने गाड़ी चलाना जारी रखा। बस में आवाज आ रही थी, जो स्पष्ट संकेत था कि वाहन खराब स्थिति में है। लेकिन ड्राइवर ने इस चेतावनी की अनदेखी की। इस लापरवाही के कारण यात्रियों को अपनी जान बचाने के लिए शीशा तोड़कर बस से बाहर कूदना पड़ा।

यात्री बस से कूदकर बचाए अपनी जान

सुमित कुमार नामक एक यात्री ने बताया कि आग लगने के बाद उन्होंने बच्चों और अन्य यात्रियों के साथ शीशा तोड़कर बस से कूदकर अपनी जान बचाई। इस दौरान भगदड़ मच गई और कुछ बच्चों को दबने का खतरा भी रहा।

सुमित कुमार ने आगे बताया कि उनका सारा सामान, बैग और पैसे बस में ही रह गए और जल गए। उन्होंने स्पष्ट किया कि ड्राइवर की लगातार लापरवाही ही इस हादसे का मुख्य कारण थी। यह हादसा स्पष्ट संदेश देता है कि खराब बसें और असुरक्षित ड्राइविंग कितनी खतरनाक साबित हो सकती है।

आरटीओ की गंभीर लापरवाही

घटना ने यह भी उजागर किया कि बस बिना फिटनेस प्रमाणपत्र के ही नेशनल हाईवे 34 पर दौड़ रही थी। आरटीओ विभाग की इस घोर लापरवाही के कारण कई यात्रियों की जान जोखिम में पड़ सकती थी। ऐसे हालात में यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रशासन और आरटीओ की तुरंत जांच और कार्रवाई जरूरी है।

यात्रियों का कहना है कि अगर समय पर राहत और सतर्कता नहीं होती, तो हादसा और भी बड़ा हो सकता था। यह घटना बसों की खराब स्थिति, चालक की लापरवाही और नियमित निरीक्षण की कमी का उदाहरण है।

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