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निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर बोला हमला, याद दिलाई 1977 की एयर इंडिया विमान खरीद की पुरानी घटना

निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर बोला हमला, याद दिलाई 1977 की एयर इंडिया विमान खरीद की पुरानी घटना

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर फिर से हमला बोलते हुए राहुल गांधी के पिता दिवंगत राजीव गांधी की 1977 की पुरानी घटना को याद दिलाया। दुबे ने आरोप लगाया कि राजीव गांधी ने कमीशन के लिए एयर इंडिया को एयरबस के बजाय तीन बोइंग विमान खरीदने में भूमिका निभाई थी। 

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर ऐसा दावा किया, जिससे सियासी हलचल मच गई। कांग्रेस पार्टी द्वारा उनकी पत्नी की संपत्ति पर सवाल उठाए जाने के एक दिन बाद ही निशिकांत दुबे ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने 1977 की एक पुरानी घटना का जिक्र करते हुए राहुल गांधी पर भी जोरदार निशाना साधा और कांग्रेस पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया।

निशिकांत दुबे का दावा

निशिकांत दुबे ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि 1977 में राहुल गांधी के पिता ने बिना किसी अधिकार के मीटिंग में हिस्सा लेकर एयर इंडिया के लिए बोइंग विमान खरीदवाए। उन्होंने सवाल किया कि योजना आयोग और वित्त मंत्रालय के विरोध के बावजूद राजीव गांधी का यह कदम किस आधार पर हुआ। दुबे ने इसे कमीशन के चक्कर वाला मामला करार दिया।

दुबे ने कहा, राहुल गांधी जी, आपके पिताजी बिना अधिकार के अवैध तरीके से मीटिंग में शामिल होते थे। क्या योजना आयोग और वित्त मंत्रालय का विरोध आपके परिवार पर लागू नहीं होता था? निशिकांत दुबे ने इससे पहले भी राजीव गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर विवादित बयान दिए थे। जुलाई 2025 में उन्होंने विकीलीक्स की एक पुरानी रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि 1970 के दशक में एक फाइटर जेट सौदे में राजीव गांधी ने 'बिचौलिये' की भूमिका निभाई थी।

कांग्रेस ने निशिकांत दुबे की पत्नी की संपत्ति पर उठाया सवाल

इससे पहले कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने निशिकांत दुबे की पत्नी की संपत्ति को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि 2009 में उनकी पत्नी की संपत्ति 50 लाख रुपये थी, जो 2024 में बढ़कर लगभग 32 करोड़ रुपये हो गई। सुप्रिया ने आरोप लगाया कि सांसद की आय इस तरह नहीं बढ़ी, फिर भी संपत्ति में अप्रत्याशित वृद्धि हुई। उन्होंने यह भी कहा कि दुबे ने हलफनामे में दावा किया कि उन्होंने अभिषेक झा नामक व्यक्ति से 1.2 करोड़ रुपये का ऋण लिया था, जबकि अभिषेक झा का कहना है कि उन्होंने ऐसा कोई ऋण नहीं दिया।

कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया, आपकी आय नहीं बढ़ी, लेकिन संपत्ति बढ़ती रही। यह पैसा कहां से आया? लोकपाल इसकी जांच करे। सत्ताधारी दल के सांसद होने के नाते भाजपा को जनता के सवालों का जवाब देना चाहिए।

निशिकांत दुबे का बयान कांग्रेस और भाजपा के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि 1977 की पुरानी घटनाओं को लेकर यह बयान राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि यह मामला आगामी चुनावों में विपक्ष और सरकार के बीच सत्ता संघर्ष को और तेज कर सकता है।

कांग्रेस ने इसे भ्रष्टाचार और पारिवारिक सौदों पर हमला मानते हुए निशिकांत दुबे के बयान की कड़ी आलोचना की है। वहीं भाजपा समर्थक इसे कांग्रेस की आंतरिक कमजोरियों पर हमला मान रहे हैं।

 

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