अमेरिका की हाई टैरिफ धमकी के बाद चीन ने इसे खारिज किया और अपने वैध अधिकारों व राष्ट्रीय हितों की रक्षा की चेतावनी दी। दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा, लेकिन शांति कायम रखने की कोशिश जारी है।
US Tariff: अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव (trade tension) एक बार फिर बढ़ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी आयात पर 100 प्रतिशत हाई टैरिफ (high tariff) लगाने की धमकी के बाद चीन ने साफ शब्दों में कहा कि यह तरीका सही नहीं है। चीन ने अमेरिका के प्रतिबंधों (sanctions) को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि वह अपने वैध अधिकारों (legitimate rights) और राष्ट्रीय हितों (national interests) की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा।
चीन ने वाशिंगटन को नसीहत दी कि अपने रवैये (attitude) में सुधार करें और धमकी देने के बजाय आम सहमति के अनुसार काम करें। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने सोशल मीडिया पर लिखा, "चीन हाल ही में अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को दृढ़ता से खारिज करता है और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।"
अमेरिका का रुख
ट्रंप ने टैरिफ को हथियार बनाकर दुनिया के देशों पर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन अभी तक उनकी धमकियों का कोई विशेष असर नजर नहीं आया। पिछले सप्ताह चीन द्वारा दुर्लभ खनिजों (rare minerals) पर निर्यात प्रतिबंधों की घोषणा के बाद अमेरिका ने अपने नए प्रतिबंधों और टैरिफ की चेतावनी दी। इससे दोनों आर्थिक महाशक्तियों के बीच तनाव (tension) बढ़ गया और महीनों से चल रही बातचीत पटरी से उतरने का खतरा पैदा हुआ।
चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "उच्च शुल्क लगाने की धमकी देना चीन के साथ बातचीत का सही तरीका नहीं है। यदि अमेरिका एकतरफा कार्रवाई करता रहता है, तो चीन अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए दृढ़तापूर्वक कदम उठाएगा।" उन्होंने कहा कि शुल्क युद्ध पर चीन की स्थिति स्पष्ट है - "हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन हम इससे डरते भी नहीं हैं।"
दोनों देशों के बीच शांति का प्रयास
हालांकि, बढ़ते तनाव के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ संबंधों को सुधारने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) "बेहद सम्मानित" हैं और दोनों देशों के बीच सहयोग जारी रहना चाहिए। ट्रंप ने कहा कि चीन और अमेरिका दोनों ही अपने देशों की आर्थिक स्थिरता चाहते हैं और कोई भी पक्ष किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, "चीन की चिंता मत करो, सब ठीक हो जाएगा। राष्ट्रपति शी जिनपिंग का हाल ही में एक बुरा दौर आया है। वह अपने देश में मंदी नहीं चाहते और न ही मैं। अमेरिका चीन की मदद करना चाहता है, उसे नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता।"
व्हाइट हाउस ने भी एक्स पर पोस्ट किया कि "यह विश्वास करना असंभव है कि चीन ने ऐसा कोई कदम उठाया होगा, लेकिन उन्होंने उठाया है, और बाकी सब इतिहास है।"