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ट्रंप को ‘मैन ऑफ पीस’ बताकर घिरे शरीफ, भारत-पाक संघर्ष पर बयान से गाजा सम्मेलन में मचा हंगामा

ट्रंप को ‘मैन ऑफ पीस’ बताकर घिरे शरीफ, भारत-पाक संघर्ष पर बयान से गाजा सम्मेलन में मचा हंगामा

गाजा शांति सम्मेलन में पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने ट्रंप को ‘मैन ऑफ पीस’ बताते हुए भारत-पाक संघर्ष रोकने का श्रेय उन्हें दिया। भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज कर कहा कि कोई तीसरा देश इसमें शामिल नहीं था।

Gaza Peace Summit: मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित गाजा शांति सम्मेलन (Gaza Peace Summit) में एक चौंकाने वाला नज़ारा देखने को मिला। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जमकर तारीफ करते हुए उन्हें ‘मैन ऑफ पीस’ (Man of Peace) तक कह डाला। शरीफ ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने और सीजफायर (Ceasefire) कराने में ट्रंप की अहम भूमिका रही है। उन्होंने यहां तक दावा किया कि पाकिस्तान ने ट्रंप को शांति पुरस्कार (Peace Prize) के लिए नामांकित किया है।

हालांकि, भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। भारतीय पक्ष ने साफ कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम किसी तीसरे देश की मध्यस्थता से नहीं, बल्कि सीधी बातचीत (Direct Talks) के जरिए हुआ था।

‘ट्रंप ने भारत-पाक युद्ध रोका’, बोले शहबाज शरीफ

गाजा सम्मेलन में शहबाज शरीफ ने मंच से कहा, “अगर राष्ट्रपति ट्रंप ने बीच में हस्तक्षेप नहीं किया होता, तो शायद पता नहीं कितने लोग मारे जाते। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने में अहम भूमिका निभाई है।”

शरीफ ने यह भी कहा कि “आज का दिन आधुनिक इतिहास के सबसे महान दिनों में से एक है। राष्ट्रपति ट्रंप ने जिस तरह से अपनी कूटनीतिक क्षमता और शांति के प्रति समर्पण दिखाया, वह दुनिया के लिए एक मिसाल है।”

उनका यह बयान वहां मौजूद लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया, क्योंकि यह भाषण किसी राजनयिक संबोधन से ज़्यादा चापलूसी (Flattery) जैसा लग रहा था।

‘मैन ऑफ पीस’ बताया ट्रंप को

जब ट्रंप ने सम्मेलन में भाषण देने के बाद अचानक पीछे मुड़कर शहबाज शरीफ से कहा, “आप कुछ कहना चाहेंगे? वही कहिए जो आपने मुझसे उस दिन कहा था,” तो शरीफ एक बार फिर मंच पर पहुंचे।

उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “यह दिन दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक पल है। राष्ट्रपति ट्रंप ने जो किया है, वह असाधारण है। वे इस युग के सच्चे शांति के समर्थक (True Man of Peace) हैं। उन्होंने दिन-रात मेहनत कर इस दुनिया को सुरक्षित और समृद्ध बनाने में योगदान दिया है।”

इतना ही नहीं, शरीफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने ट्रंप को ‘Peace Prize’ के लिए नामांकित किया है, क्योंकि उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्ध रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

‘इतिहास ट्रंप को याद रखेगा’ – शरीफ का बयान

शरीफ ने आगे कहा, “इतिहास राष्ट्रपति ट्रंप को उस व्यक्ति के रूप में याद रखेगा जिसने सात नहीं, अब आठ युद्धों को रोका है। उन्होंने वह किया जो कई अंतरराष्ट्रीय नेता केवल सपने में सोच सकते हैं।”

उन्होंने ट्रंप की नीतियों की भी सराहना करते हुए कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप दूरदर्शी (Visionary) नेता हैं। उनका नेतृत्व इस समय दुनिया के लिए आवश्यक है। अगर उन्होंने चार दिन पहले हस्तक्षेप नहीं किया होता, तो भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध किस दिशा में बढ़ता, यह कोई नहीं जानता।”

भारत ने किया ट्रंप का दावा खारिज

ट्रंप और शरीफ दोनों के इन दावों को लेकर भारत ने दो टूक प्रतिक्रिया दी है। भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कहा है कि “भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तीसरे देश की मध्यस्थता कभी स्वीकार नहीं की गई।” भारत ने यह भी दोहराया कि संघर्षविराम और बातचीत दोनों देशों के द्विपक्षीय समझौते (Bilateral Agreement) के तहत हुई थी और किसी भी बाहरी हस्तक्षेप की कोई भूमिका नहीं थी।

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