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छत्तीसगढ़ HC का फैसला, नक्सली लीडर राजू दादा के एनकाउंटर की SIT जांच याचिका खारिज 

छत्तीसगढ़ HC का फैसला, नक्सली लीडर राजू दादा के एनकाउंटर की SIT जांच याचिका खारिज 

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नक्सली लीडर राजू दादा के एनकाउंटर की SIT जांच की याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि नक्सल विरोधी अभियान नियमित सुरक्षा उपायों का हिस्सा हैं और इसे कमजोर नहीं किया जा सकता।

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नक्सली लीडर रामचंद्र रेड्डी उर्फ राजू दादा की मौत की जांच एसआईटी से कराने की याचिका को खारिज कर दिया है। 22 सितंबर 2025 को अबूझमाड़ के जंगल में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में राजू दादा की मौत हो गई थी।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि नक्सल विरोधी अभियान राज्य और केंद्रीय सुरक्षा बलों के नियमित सशस्त्र संचालन का हिस्सा हैं और ऐसे अभियानों की जांच एसआईटी के तहत नहीं की जा सकती जब तक असाधारण परिस्थितियां न हों। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह कदम नक्सल रोधी अभियान की प्रभावशीलता को कमजोर कर सकता है।

हाईकोर्ट ने सुरक्षा अभियानों पर निर्देश दिए

हाईकोर्ट ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा कर्मियों द्वारा नियमित अभियान कानून और व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से किए जाते हैं। ऐसे अभियानों की जांच एसआईटी से कराने का निर्देश पुलिसिंग शक्तियों और संघीय ढांचे को कमजोर करेगा।

अदालत ने यह भी कहा कि केवल उन मामलों में एसआईटी जांच की जा सकती है जहां अधिकार का दुरुपयोग या मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर प्रमाण मौजूद हों। वर्तमान मामले में ऐसी कोई परिस्थिति नहीं है।

राजा चंद्र ने पिता की हत्या मामले की जांच मांगी

राजू दादा के बेटे राजा चंद्र ने याचिका दायर की थी। उन्होंने दावा किया कि उनके पिता और पारिवारिक मित्र कादरी सत्यनारायण उर्फ कोसा दादा को पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में मार डाला। राजा चंद्र ने एसआईटी जांच, प्राथमिकी दर्ज करने और न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग की थी।

याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने कोर्ट में तर्क दिया कि मृतकों के शरीर पर पाए गए घाव मुठभेड़ के अनुरूप नहीं थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि सुरक्षाबलों ने कथित तौर पर मृतकों को जिन्दा हिरासत में लेकर जंगल में ले जाकर मार डाला।

राज्य सरकार का पक्ष

राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने मुठभेड़ को वास्तविक बताया। उन्होंने कहा कि विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस दल ने अबूझमाड़ क्षेत्र में 20-25 नक्सलियों के साथ मुठभेड़ की थी। मुठभेड़ के बाद दो माओवादियों के शवों के साथ हथियार बरामद किए गए।

राज्य शासन का कहना है कि सुरक्षा बलों का यह अभियान कानून और व्यवस्था बनाए रखने और विद्रोह से निपटने के उद्देश्य से नियमित तौर पर किया गया।

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