भारतीय पुरुष युगल की दिग्गज जोड़ी सात्विकसाईराज रेंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी का खिताब जीतने का सपना एक बार फिर अधूरा रह गया। चाइना मास्टर्स सुपर 750 बैडमिंटन टूर्नामेंट के फाइनल में कोरियाई जोड़ी के खिलाफ 45 मिनट तक चले मुकाबले में 19-21, 15-21 से हार झेलनी पड़ी।
स्पोर्ट्स न्यूज़: भारतीय बैडमिंटन की स्टार पुरुष युगल जोड़ी सात्विकसाईराज रेंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी एक बार फिर बड़े खिताब से चूक गए। चीन मास्टर्स सुपर 750 बैडमिंटन टूर्नामेंट के फाइनल में उन्हें विश्व की नंबर-1 कोरियाई जोड़ी किम योन हो और सियो सिओंग जाए के खिलाफ सीधे सेटों में हार झेलनी पड़ी। मुकाबला 45 मिनट तक चला, जिसमें भारतीय जोड़ी को 19-21, 15-21 से शिकस्त मिली।
यह लगातार दूसरा मौका है जब सात्विक-चिराग की जोड़ी फाइनल में पहुंचकर भी खिताब जीतने से चूक गई। एक हफ्ते पहले भी उन्हें इसी तरह हार का सामना करना पड़ा था।
लगातार दूसरी बार सात्विक-चिराग की जोड़ी का टूटा दिल
पहले गेम में भारतीय जोड़ी ने शानदार शुरुआत की और 14-7 की मजबूत बढ़त बना ली। आक्रामक स्मैश और नेट पर सटीक शॉट्स के दम पर लग रहा था कि सात्विक-चिराग आसानी से पहला गेम अपने नाम करेंगे। लेकिन कोरियाई जोड़ी ने शानदार डिफेंस और धैर्यपूर्ण खेल दिखाते हुए वापसी की। नतीजा यह रहा कि भारतीय जोड़ी ने अपनी लय खो दी और पहला गेम 19-21 से गंवा दिया।
दूसरे गेम में भी शुरुआत भारतीयों के पक्ष में रही। चिराग-सात्विक ने 3-2 और फिर 8-6 की बढ़त बनाई। हालांकि कोरियाई जोड़ी ने तेजी से बराबरी हासिल की और ब्रेक तक 11-10 की बढ़त ले ली। इसके बाद भारतीय खिलाड़ियों से लगातार अनफोर्स्ड एरर्स होते रहे। खासतौर पर चिराग के दो शॉट बाहर जाने और सात्विक की एक निर्णायक गलती ने कोरियाई खिलाड़ियों को लगातार पांच मैच प्वाइंट दिए। अंततः किम और सियो ने बिना देर किए खिताब अपने नाम कर लिया।
एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुकी सात्विक-चिराग की जोड़ी इस सीजन में बेहतरीन फॉर्म में रही है। उन्होंने इस टूर्नामेंट से पहले पूरे हफ्ते एक भी गेम नहीं गंवाया था। विश्व चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल और हांगकांग ओपन में उपविजेता रहने के बाद उम्मीद थी कि चीन मास्टर्स उनका खिताबी सूखा खत्म करेगा। लेकिन एक बार फिर उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
कोरियाई जोड़ी की शानदार सफलता
किम योन हो और सियो सिओंग जाए की जोड़ी मौजूदा सत्र में लगातार धमाकेदार प्रदर्शन कर रही है। दोनों खिलाड़ी अलग-अलग पार्टनर्स के साथ खेलने के बाद 2025 में फिर से साथ आए और यह उनका नौवां फाइनल था। इससे पहले वे छह खिताब जीत चुके हैं, जिनमें विश्व चैंपियनशिप (पेरिस) का गोल्ड, ऑल इंग्लैंड ओपन और इंडोनेशिया ओपन सुपर 1000 के खिताब शामिल हैं। उनकी गिनती मौजूदा समय की सबसे मजबूत और संतुलित जोड़ी के रूप में की जाती है।
इस फाइनल को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ आक्रमण (भारत) और सर्वश्रेष्ठ डिफेंस (कोरिया) के बीच की टक्कर माना जा रहा था। किम और सियो ने धैर्य, तकनीक और सटीकता का बेहतरीन उदाहरण पेश करते हुए भारतीय जोड़ी को मात दी।