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DeepSeek डेटा विवाद: जर्मनी ने लगाया चोरी का आरोप, Apple-Google को दी चेतावनी

DeepSeek डेटा विवाद: जर्मनी ने लगाया चोरी का आरोप, Apple-Google को दी चेतावनी

DeepSeek पर जर्मनी ने डेटा चोरी का आरोप लगाया है। कंपनी पर संवेदनशील जानकारी चीन भेजने का शक है, जिससे GDPR उल्लंघन हुआ। ऐप पर EU में बैन की संभावना है, और Apple-Google को हटाने का निर्देश मिला है।

DeepSeek: चीन की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप DeepSeek अब यूरोप में गहरे संकट में फंसती नजर आ रही है। जर्मनी के डेटा सुरक्षा अधिकारियों ने कंपनी पर जर्मन यूजर्स का संवेदनशील डेटा चीन भेजने का गंभीर आरोप लगाया है। इससे यूरोप में इस AI ऐप पर पूरी तरह प्रतिबंध लगने की आशंका बढ़ गई है।

जर्मनी की बर्लिन डेटा प्रोटेक्शन ऑफिसर मीके कैंप ने साफ तौर पर कहा है कि DeepSeek यह साबित करने में विफल रही है कि वह EU (यूरोपीय संघ) के डेटा सुरक्षा मानकों के अनुसार काम कर रही है। कैंप का कहना है कि कंपनी अपने यूज़र्स की प्राइवेसी की सुरक्षा को लेकर असंतोषजनक रवैया अपना रही है।

क्या है DeepSeek और क्यों मचा है बवाल?

DeepSeek एक उभरती हुई AI कंपनी है जो चैटबॉट आधारित सेवाएं देती है। इसकी तकनीक GPT-जैसे जनरेटिव AI मॉडल्स पर आधारित है। यूरोप और अमेरिका में यह ऐप काफी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है क्योंकि यह मुफ्त में तेज़ और सरल उत्तर देता है।

लेकिन इसी लोकप्रियता के बीच अब DeepSeek गंभीर डेटा गोपनीयता उल्लंघन के आरोपों से घिर गई है। जर्मनी का आरोप है कि यह ऐप उपयोगकर्ताओं की जानकारी — जैसे चैट डेटा, लोकेशन, डिवाइस जानकारी और IP ऐड्रेस — को सीधे चीन भेजता है, जहां पर उन पर सरकारी निगरानी की संभावना होती है।

यूरोपीय डेटा कानून (GDPR) का उल्लंघन

जर्मनी के मुताबिक, DeepSeek का यह रवैया GDPR (जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन) का सीधा उल्लंघन है। GDPR के तहत कोई भी डेटा तभी सीमा पार भेजा जा सकता है, जब उस देश में EU के समान या बेहतर प्राइवेसी सुरक्षा उपाय लागू हों।

लेकिन चीन में ऐसे कोई समान स्तर के डेटा प्रोटेक्शन कानून मौजूद नहीं हैं। इसके अलावा, चीनी सरकार को किसी भी चीनी कंपनी से यूज़र डेटा मांगने का कानूनी अधिकार है, जिससे यूज़र्स की निजता और भी खतरे में पड़ जाती है।

मीके कैंप का सख्त बयान

बर्लिन की डेटा सुरक्षा आयुक्त मीके कैंप ने CNBC से बातचीत में कहा, 'DeepSeek यह भरोसा नहीं दिला सकी कि जर्मन यूजर्स का डेटा यूरोपीय कानूनों के मुताबिक सुरक्षित है। चीन की कानून व्यवस्था चीनी कंपनियों को यूजर्स का डेटा साझा करने के लिए बाध्य करती है, जो GDPR के खिलाफ है।'

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर स्थिति नहीं सुधरी, तो पूरे यूरोपीय यूनियन में इस ऐप पर बैन लगाया जा सकता है।

Apple और Google को अल्टीमेटम

इस मामले में जर्मन प्रशासन ने Apple और Google को भी नोटिस भेजा है। दोनों से आग्रह किया गया है कि वे DeepSeek ऐप को App Store और Play Store से तत्काल हटाएं या उसकी समीक्षा करें।

यदि ये कंपनियां इसे अपने प्लेटफॉर्म से हटा देती हैं, तो यह कदम पूरे EU में एक प्रभावी बैन की तरह काम करेगा, क्योंकि अधिकांश यूज़र्स ऐप डाउनलोड के लिए इन्हीं दो माध्यमों का इस्तेमाल करते हैं।

DeepSeek की प्रतिक्रिया क्या है?

DeepSeek की ओर से एक संक्षिप्त बयान जारी कर कहा गया है कि: 'हम अपने यूजर्स की गोपनीयता का पूरा सम्मान करते हैं और GDPR के तहत सभी नियमों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम नियामकों के साथ सहयोग कर रहे हैं।'

हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि कंपनी को अब अपने सर्वर यूरोप में स्थापित करने होंगे या डेटा ट्रांसफर के लिए कानूनी सुरक्षा उपायों जैसे Binding Corporate Rules (BCRs) को अपनाना पड़ेगा।

यूजर्स को क्या करना चाहिए?

  • DeepSeek की ऐप परमिशन चेक करें — माइक, कैमरा, लोकेशन जैसी संवेदनशील सेटिंग्स सीमित करें।
  • डाटा हटाने का अनुरोध करें — अगर आप DeepSeek के यूजर हैं, तो अपने अकाउंट डिलीट करने और डेटा हटवाने की प्रक्रिया अपनाएं।
  • यूरोपीय AI विकल्प अपनाएं — जैसे Aleph Alpha, Mistral या Perplexity AI, जो EU के डेटा संरक्षण कानूनों का पालन करते हैं।

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