दिल्ली के रोहिणी के रिठाला इलाके में चार मंजिला इमारत में लगी भीषण आग में चार लोगों की जान चली गई। उन्हीं में से एक माने जा रहे 62 वर्षीय दिलीप सिंह ने अपनी जान गंवाने से ठीक पहले बेटे को जो कॉल किया, वह अब भी उनके परिवार के जेहन में गूंज रहा है।
महज 43 सेकंड की उस कॉल में दिलीप सिंह ने बेटे धर्म सिंह से कहा— बेटा, लगता है मैं नहीं बच पाऊंगा, मेरा दम घुट रहा है। धर्म सिंह अब इस बात को लेकर पछता रहे हैं कि उन्होंने कॉल जल्दी काट दी। वे कहते हैं, काश थोड़ी देर और बात कर लेता, शायद उन्हें थोड़ी हिम्मत मिल जाती या मैं कुछ कर पाता।
आग में फंसे पिता की आखिरी बातचीत
धर्म सिंह ने बताया कि मंगलवार शाम 7:40 बजे उन्हें पिता दिलीप सिंह का कॉल आया। उन्होंने घबराते हुए कहा, फैक्ट्री में आग लग गई है बेटा... मैं नहीं बच पाऊंगा। पहले तो बेटे को लगा कि यह सामान्य आग है और उन्होंने पिता को बाहर निकलने की सलाह दी, लेकिन जल्द ही उन्हें समझ आ गया कि स्थिति बेहद गंभीर है।
62 वर्षीय दिलीप सिंह पिछले सात वर्षों से उसी इमारत की चौथी मंजिल पर रहते थे और एक टिशू पेपर फैक्ट्री में सुपरवाइजर के रूप में कार्यरत थे। आग लगने के वक्त इमारत में केवल वही मौजूद थे, क्योंकि अन्य मजदूर जा चुके थे। परिवार उत्तम नगर में रहता है—जहां दिलीप सिंह की पत्नी, बेटी (33 वर्ष) और बेटा (29 वर्ष) रहते हैं।
अगर सेफ्टी होती तो बच जाते पापा
धर्म सिंह ने हादसे का जिम्मेदार फैक्ट्री और इमारत के मालिक को ठहराया है। उन्होंने कहा कि चार मंजिला इमारत में ना तो कोई फायर अलार्म था, ना अग्निशमन यंत्र, और ना ही इमरजेंसी एग्जिट का कोई इंतजाम। पूरा ढांचा एक मौत का जाल था। सिर्फ एक ही दरवाजा था जिससे बाहर निकलने की उम्मीद थी, धर्म सिंह ने कहा।
उन्होंने बताया कि उनके पिता की उम्र अधिक थी, इसलिए वो तेजी से सीढ़ियों से नीचे नहीं उतर सके। कॉल पर जब उन्होंने कहा— मेरा दम घुट रहा है... तो धर्म सिंह घबरा गए और कॉल काट दिया। तुरंत उन्होंने फैक्ट्री के एक कर्मचारी को कॉल कर मदद मांगी, पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
पापा गए और कभी लौटकर नहीं आए
धर्म सिंह कहते हैं, मेरी मां का रो-रोकर बुरा हाल है। पापा रोज की तरह काम पर गए थे, लेकिन कभी वापस नहीं लौटे। पुलिस के अनुसार, हादसे में चार लोग मारे गए और तीन घायल हुए हैं। डीएनए जांच के बाद ही शवों की पहचान कर परिजनों को सौंपा जाएगा। धर्म सिंह को विश्वास है कि मृतकों में उनके पिता भी शामिल हैं।
उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि ऐसी लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यह घटना फैक्ट्रियों और वर्कस्पेस में अग्निसुरक्षा उपायों की भयावह कमी को उजागर करती है।