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दिल्ली की 5 साल की आरिनी लाहोटी ने बनाया रिकॉर्ड, तीनों फॉर्मेट में बनी सबसे कम उम्र की FIDE रेटेड चेस खिलाड़ी

दिल्ली की 5 साल की आरिनी लाहोटी ने बनाया रिकॉर्ड, तीनों फॉर्मेट में बनी सबसे कम उम्र की FIDE रेटेड चेस खिलाड़ी

दिल्ली की पांच वर्षीय शतरंज खिलाड़ी आरिनी लाहोटी ने इतिहास रच दिया है। इतनी कम उम्र में उन्होंने क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज तीनों फॉर्मेट में FIDE रेटिंग हासिल कर भारत की सबसे कम उम्र की चेस स्टार बनने का रिकॉर्ड बनाया है। उनकी उपलब्धि ने देशभर में नई मिसाल कायम की है।

FIDE Rating in Chess: दिल्ली की रहने वाली पांच साल की आरिनी लाहोटी ने अगस्त 2025 में बड़ा इतिहास रच दिया। इस नन्हीं खिलाड़ी ने क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज तीनों फॉर्मेट में FIDE रेटिंग हासिल कर भारत की सबसे कम उम्र की शतरंज खिलाड़ी बनने का गौरव प्राप्त किया। आरिनी की मौजूदा रेटिंग क्लासिकल में 1553, रैपिड में 1550 और ब्लिट्ज में 1498 है। उन्होंने इस उपलब्धि के साथ उध्रिति भट्टाचार्य का पुराना रिकॉर्ड तोड़कर भारतीय शतरंज जगत में नया कीर्तिमान स्थापित किया।

पांच साल में बनी सबसे कम उम्र की FIDE रेटेड चेस खिलाड़ी

दिल्ली की पांच वर्षीय शतरंज खिलाड़ी आरिनी लाहोटी ने खेल जगत में नई मिसाल कायम की है। महज पांच साल की उम्र में उन्होंने क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज तीनों फॉर्मेट में FIDE रेटिंग हासिल कर भारत की सबसे कम उम्र की चेस खिलाड़ी बनने का गौरव पाया। उनकी मौजूदा रेटिंग क्लासिकल में 1553, रैपिड में 1550 और ब्लिट्ज में 1498 है।

आरिनी की यह उपलब्धि उन्हें देशभर में युवा प्रतिभाओं के लिए प्रेरणा बनाती है। अगस्त 2025 में हासिल किया गया यह रिकॉर्ड उध्रिति भट्टाचार्य का पुराना रिकॉर्ड तोड़ने वाला साबित हुआ।

बचपन से चेस में रुचि

19 सितंबर 2019 को जन्मी आरिनी ने बचपन से ही शतरंज में गहरी रुचि दिखाई। दो साल की उम्र में उन्होंने टीवी पर विश्व चेस चैंपियन मैग्नस कार्लसन को खेलते देखा और तभी से इस खेल को अपनाना शुरू किया। आरिनी के पिता, सुरेंद्र लाहोटी, जो खुद शतरंज खिलाड़ी और ब्लूबेल्स स्कूल इंटरनेशनल में कोच हैं, ने उन्हें प्रारंभिक मार्गदर्शन दिया।

सुरेंद्र लाहोटी का मानना है कि शुरुआती उम्र में खेल को आनंद के रूप में अपनाना ही सफलता की कुंजी है। उन्होंने सुनिश्चित किया कि आरिनी की पढ़ाई, चेस और अन्य खेलों में संतुलन बना रहे।

आरिनी का शतरंज के साथ सफर कब शुरू हुआ

महज पांच साल की उम्र में आरिनी लाहोटी ने 11 ट्रॉफियां और कई पदक जीतकर अपनी प्रतिभा साबित कर दी है। उन्होंने अंडर-7, अंडर-9 और अंडर-11 कैटेगरी में शानदार प्रदर्शन किया। लॉकडाउन के दौरान आरिनी ने अपने पिता को ऑनलाइन पढ़ाते हुए देखा और खुद ही चेस की बिसात सजाना शुरू कर दिया।

इस प्रक्रिया ने उनकी खेल रणनीति और समझ को और भी मजबूत किया। उनके रिकॉर्ड ने यह दिखा दिया कि उम्र केवल संख्या है, प्रतिभा और समर्पण में नहीं।

इंटरनेशनल मास्टर और ग्रैंडमास्टर बनने का लक्ष्य

सुरेंद्र लाहोटी के अनुसार, आरिनी का लक्ष्य भारत की सबसे कम उम्र की इंटरनेशनल मास्टर (IM) और ग्रैंडमास्टर (GM) बनना है। परिवार और कोच की योजना है कि आरिनी खेल में लगातार सुधार करती रहे और देश का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर रोशन करे।

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