आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के लोधी एस्टेट में टाइप-VII सरकारी बंगला आवंटित कर दिया गया। लंबे इंतजार और हाई कोर्ट के निर्देश के बाद अब उनके पास स्थायी आधिकारिक निवास उपलब्ध है।
New Delhi: आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लंबे इंतजार के बाद सरकारी आवास मिल गया है। केंद्र सरकार ने उन्हें 95, लोधी एस्टेट का टाइप-VII बंगला आवंटित किया है। यह बंगला सरकारी आवास की दूसरी सबसे बड़ी श्रेणी में आता है। केजरीवाल को बंगला मिलने में देरी के कारण उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था।
लंबे समय से इंतजार खत्म
अरविंद केजरीवाल ने लगभग एक साल पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सिविल लाइंस स्थित सरकारी बंगला खाली कर दिया था। इसके बाद वह आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल को आवंटित सरकारी बंगले में रह रहे थे। अब केंद्र सरकार ने उनके लिए लोधी एस्टेट में टाइप-VII बंगला सुनिश्चित किया है।
केजरीवाल राष्ट्रीय पार्टी के संयोजक होने की वजह से दिल्ली में सरकारी आवास के हकदार हैं। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (Union Housing and Urban Affairs Ministry) के संपदा निदेशालय की ओर से बंगले के आवंटन में देरी होने के कारण आम आदमी पार्टी के नेता ने हाई कोर्ट का रुख किया था। अदालत में सरकार ने 25 सितंबर को यह जानकारी दी थी कि अगले 10 दिनों में बंगला आवंटित कर दिया जाएगा।
लोधी एस्टेट में टाइप-VII बंगला
सरकार ने सोमवार को अरविंद केजरीवाल को 95, लोधी एस्टेट का टाइप-VII बंगला आवंटित कर दिया। यह बंगला सरकारी आवास की दूसरी सबसे बड़ी श्रेणी में आता है और इसमें सुविधाएं भी व्यापक हैं। इसके आवंटन के साथ ही केजरीवाल को अब अपनी स्थायी और आधिकारिक निवास (official residence) मिल गई है।
फ्लैगस्टाफ रोड का इतिहास
पिछले साल चुनाव से कुछ समय पहले सितंबर में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल ने 6, फ्लैगस्टाफ रोड का बंगला खाली किया था। यह बंगला उनके मुख्यमंत्रीत्व कार्यकाल के अधिकांश समय तक उनका आधिकारिक निवास रहा। दिल्ली चुनाव के दौरान इस बंगले को लेकर विवाद भी हुआ था। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बंगले के रिनोवेशन (renovation) के दौरान कथित अनियमितताओं को लेकर जमकर निशाना साधा था और इसे “शीश महल” करार दिया था।
हाई कोर्ट के निर्देश और आवंटन
सरकार द्वारा बंगले के आवंटन में देरी के कारण केजरीवाल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र ने आश्वासन दिया कि दस दिनों के भीतर बंगला आवंटित कर दिया जाएगा। अब इस प्रक्रिया को पूरा कर केंद्र ने उनके लिए लोधी एस्टेट बंगला सुनिश्चित किया।