दिल्ली में आगामी कांवड़ यात्रा को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा कांवड़ शिविरों को 1200 यूनिट मुफ्त बिजली और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के तहत आर्थिक सहायता देने की घोषणा के बाद AIMIM ने इस फैसले को पक्षपातपूर्ण बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई है। AIMIM का कहना है कि यदि धार्मिक आयोजनों को सरकारी सहायता दी जाती है, तो फिर मुहर्रम जैसे अन्य धार्मिक अवसरों पर भी सरकार को समान सुविधाएं देनी चाहिए। इसी बयान के बाद अब यह मुद्दा राजनीतिक तकरार का रूप ले चुका है।
कपिल मिश्रा का पलटवार
AIMIM के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने AIMIM पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि AIMIM जैसी पार्टियां केवल मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए इस तरह के विवाद खड़े करती हैं। मिश्रा ने साफ शब्दों में कहा, “मुहर्रम पर देंगे भी नहीं, क्योंकि सरकार का उद्देश्य तुष्टिकरण नहीं, बल्कि जनमानस और परंपराओं का सम्मान करना है।” उन्होंने AIMIM के बयान को धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला बताया और कहा कि धार्मिक आयोजनों को सहयोग देना संविधान की भावना के अनुरूप है।
कपिल मिश्रा ने AIMIM पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि इस तरह के विरोधों के जरिए पार्टी लोगों को बांटने का काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कांवड़ यात्रा एक व्यापक जनआस्था से जुड़ा आयोजन है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं, और ऐसे आयोजनों को सुचारु रूप से चलाने के लिए प्रशासनिक सहयोग देना आवश्यक है।
आशीष सूद ने AIMIM को बताया धार्मिक राजनीति का प्रतीक
इस पूरे विवाद पर दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद ने भी AIMIM को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि AIMIM को इस मुद्दे पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि यह पार्टी शुरू से ही धर्म के नाम पर वोटों का ध्रुवीकरण करती रही है। सूद ने कहा, “जिस पार्टी के नाम की शुरुआत ही 'मुस्लिम' शब्द से होती है, वह कैसे सेक्युलरिज्म की बात कर सकती है?
आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली सरकार की यह सहायता किसी खास समुदाय को नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा को सम्मान देने के उद्देश्य से दी जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी की तरह फ्रीबीज का दिखावा नहीं किया जा रहा, बल्कि यात्रा के सफल संचालन और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह प्रशासनिक निर्णय लिया गया है।
सरकार का फोकस
कपिल मिश्रा और आशीष सूद दोनों ने इस बात पर जोर दिया कि दिल्ली सरकार धार्मिक आयोजनों में सहयोग देने के पीछे किसी राजनीतिक लाभ की मंशा नहीं रखती, बल्कि यह एक प्रशासनिक और सांस्कृतिक जिम्मेदारी है। AIMIM के विरोध को नेताओं ने निराधार और भड़काऊ करार दिया।
उन्होंने यह भी दोहराया कि सरकार का मुख्य उद्देश्य लोगों की आस्था का सम्मान करना है, न कि किसी एक वर्ग को लाभ पहुंचाना। कांवड़ यात्रा उत्तर भारत के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है और इसके सफल संचालन में प्रशासन की अहम भूमिका होती है।