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दिव्या देशमुख ने हरिका को हराकर वर्ल्ड चेस कप के सेमीफाइनल में की एंट्री, जीत के बाद हुईं इमोशनल

दिव्या देशमुख ने हरिका को हराकर वर्ल्ड चेस कप के सेमीफाइनल में की एंट्री,  जीत के बाद हुईं इमोशनल

भारत की प्रमुख खिलाड़ियों में से एक के रूप में उभरती हुई अंतरराष्ट्रीय मास्टर दिव्या देशमुख ने एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है। उन्होंने फिडे विश्व महिला शतरंज कप में अपने से बेहतर रैंकिंग वाली अनुभवी हमवतन डी. हरिका को टाईब्रेक में 2-0 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है।

स्पोर्ट्स न्यूज़: भारतीय शतरंज प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। भारत की युवा और प्रतिभाशाली महिला शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने फिडे महिला विश्व शतरंज कप 2025 के सेमीफाइनल में जगह बना ली है। इस बड़ी उपलब्धि के साथ उन्होंने अपने से कहीं ज्यादा अनुभवी और ऊंची रैंकिंग वाली हमवतन डी. हरिका को हराकर इतिहास रच दिया। दिव्या की जीत के बाद उनकी इमोशनल रिएक्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे देखकर फैंस भी गर्व से भर गए।

रैपिड टाईब्रेक में 2-0 से दी हरिका को मात

दोनों खिलाड़ियों के बीच खेले गए क्लासिकल मुकाबले दो बार ड्रॉ हो चुके थे, जिससे राउंड रैपिड टाईब्रेक तक पहुंचा। इस अहम मोड़ पर दिव्या ने गजब का धैर्य और आत्मविश्वास दिखाया। पहली बाजी में दिव्या ने सधे हुए खेल से जीत दर्ज की, जिससे डी. हरिका पर जबरदस्त मानसिक दबाव बन गया। इसके बाद दूसरी बाजी में भी दिव्या ने शानदार प्रदर्शन करते हुए लगातार दूसरी जीत दर्ज की और कुल स्कोर 2-0 से मुकाबला अपने नाम किया।

यह जीत ना सिर्फ दिव्या के करियर के लिए ऐतिहासिक साबित हुई, बल्कि भारतीय महिला शतरंज के लिए भी एक नई उपलब्धि बनी। मैच के बाद दिव्या देशमुख अपने जज्बातों को नहीं रोक पाईं और जीत के बाद खुशी और भावुकता के मिश्रण के साथ उनके आंसू छलक पड़े। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और दुनियाभर के शतरंज प्रेमी उन्हें बधाइयां दे रहे हैं।

भारतीय महिला शतरंज के लिए ऐतिहासिक पल

भारतीय महिला शतरंज में यह जीत एक नया युग लाने की ओर इशारा करती है। डी. हरिका इससे पहले तीन बार इसी प्रारूप में सेमीफाइनल तक पहुंच चुकी हैं। वहीं कोनेरु हम्पी और अब दिव्या देशमुख दो ऐसी भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं, जिन्होंने फिडे महिला विश्व कप के सेमीफाइनल में जगह बनाई है। यह प्रतियोगिता नए विश्व चैंपियनशिप चक्र का हिस्सा है, जिसका अर्थ है कि भारत की एक महिला खिलाड़ी का अगले साल होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में स्थान अब पक्का हो चुका है। कैंडिडेट्स टूर्नामेंट से यह तय होगा कि कौन चीन की मौजूदा विश्व चैंपियन जू वेनजुन को विश्व खिताब के लिए चुनौती देगा।

भारत की कोनेरु हम्पी, जो एक दशक से भी अधिक समय से भारत की सर्वोच्च रैंकिंग वाली महिला खिलाड़ी रही हैं, अपने करियर में पहली बार फिडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंची हैं। अब दिव्या देशमुख ने भी अपने नाम यह बड़ी उपलब्धि जोड़ ली है। यह दिखाता है कि अब भारतीय महिला शतरंज में भी वह मुकाम आ चुका है, जहां खिलाड़ी लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा असर छोड़ रही हैं।

सेमीफाइनल में चुनौती और बड़ा मौका

अब सेमीफाइनल में कोनेरु हम्पी का सामना विश्व की नंबर-1 खिलाड़ी और शीर्ष वरीयता प्राप्त चीन की लेई टिंगजी से होगा। वहीं दिव्या देशमुख का सामना पूर्व विश्व महिला चैंपियन चीन की तान झोंगयी से होगा। इन मुकाबलों में दोनों भारतीय खिलाड़ियों के पास फाइनल में पहुंचकर इतिहास रचने का सुनहरा अवसर होगा।

दिव्या देशमुख अपने कम उम्र में ही यह दिखा चुकी हैं कि उनमें बड़े टूर्नामेंट जीतने का जज्बा और काबिलियत दोनों हैं। उनकी यह जीत ना सिर्फ उनके करियर के लिए मील का पत्थर है, बल्कि भारत की अगली पीढ़ी की महिला शतरंज खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा भी बनेगी।

 

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