आरबीआई EMI चूक पर स्मार्टफोन लॉक करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि यह अभी विचाराधीन है और कंज्यूमर राइट्स, डेटा गोपनीयता व लेंडर्स के हितों के बीच संतुलन बनाए रखा जाएगा। भारत में लगभग एक-तिहाई कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ईएमआई पर खरीदे जाते हैं।
MPC Meeting: RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 1 अक्टूबर 2025 को MPC बैठक के बाद स्पष्ट किया कि EMI डिफॉल्ट पर स्मार्टफोन लॉक करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। भारत में लगभग एक-तिहाई कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ईएमआई पर खरीदी जाती हैं। डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने बताया कि कंज्यूमर राइट्स, डेटा गोपनीयता और लेंडर्स के हितों का संतुलन देखा जा रहा है और उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर अनुमति दी जाती है तो डिवाइस लॉक के लिए उधारकर्ता की सहमति जरूरी होगी।
RBI गवर्नर का बयान
RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 1 अक्टूबर को MPC बैठक के बाद कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक एक प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। इस प्रस्ताव के तहत यदि कोई ग्राहक EMI समय पर भुगतान नहीं करता है, तो लेंडर्स को रिमोटली स्मार्टफोन लॉक करने की अनुमति दी जा सकती है। गवर्नर ने यह स्पष्ट किया कि यह मामला अभी विचाराधीन है और दोनों पक्षों कंज्यूमर्स और लेंडर्स की दलीलों पर ध्यान दिया जा रहा है। उनका कहना था कि RBI का मुख्य उद्देश्य कंज्यूमर्स के अधिकार और डेटा गोपनीयता की रक्षा करना है।
डिप्टी गवर्नर की सफाई
RBI के डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने बताया कि कंज्यूमर्स के अधिकार, आवश्यकताएं, डेटा गोपनीयता और लेंडर्स की जरूरतों के बीच संतुलन बनाने के लिए दोनों पक्षों की दलीलों का मूल्यांकन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस इश्यू पर उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पिछले वर्ष RBI ने लेंडर्स को डिफॉल्ट करने वाले ग्राहकों के मोबाइल लॉक करने से रोकने का निर्णय लिया था। इसके बावजूद, अब केंद्र सरकार और RBI इस विचार पर वापसी कर रहे हैं कि क्या स्मार्टफोन लॉकिंग का विकल्प कंज्यूमर्स और लेंडर्स के हित में हो सकता है।
EMI डिफॉल्ट पर स्मार्टफोन लॉक
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर RBI EMI चूक की स्थिति में स्मार्टफोन लॉक करने की अनुमति देता है, तो इसके लिए ग्राहक की स्पष्ट सहमति जरूरी होगी। लोन समझौते पर हस्ताक्षर के समय “डिवाइस लॉक ऐप” इंस्टॉल करके यह उपाय लागू किया जा सकता है। विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि कुछ निश्चित किश्तों के चूक जाने की स्थिति में, बकाया राशि चुकाए जाने तक डिवाइस को अस्थायी रूप से निष्क्रिय किया जा सकता है।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि RBI कुछ महीनों में अपने “निष्पक्ष व्यवहार संहिता” को अपडेट कर सकता है। मौजूदा कानून स्पष्ट रूप से इस प्रथा की अनुमति नहीं देते, इसलिए यह प्रस्ताव नियामकीय अनिश्चितता के दायरे में आता है।
क्यों विचार किया जा रहा है यह कदम
विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे-छोटे कंज्यूमर लोन में डिफॉल्ट दर बहुत अधिक है। स्मार्टफोन और अन्य कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स पर भी यही स्थिति है। EMI चूक पर फोन लॉक करने का विकल्प लागू होने से लोन डिफॉल्ट की दर को कम किया जा सकता है। यदि लेंडर्स को डिवाइस लॉक करने का अधिकार मिल जाए, तो जानबूझकर EMI चूक को हतोत्साहित किया जा सकता है।
ग्राहकों और लेंडर्स के संतुलन की जरूरत
RBI का लक्ष्य ग्राहकों के अधिकारों और लेंडर्स के हितों के बीच संतुलन बनाना है। EMI चूक की स्थिति में स्मार्टफोन लॉक करने की अनुमति देने पर फैसला लेने से पहले सभी दलीलों का मूल्यांकन किया जाएगा। इस प्रक्रिया में कंज्यूमर्स की डेटा गोपनीयता और अधिकार सर्वोपरि होंगे।