अशोका बिल्डकॉन ने 166.59 करोड़ रुपये में JTCL में हिस्सेदारी बढ़ाकर 61.17% कर ली है। यह सौदा रोड इंफ्रास्ट्रक्चर पोर्टफोलियो को मजबूत करने और ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है। कंपनी का शेयर गुरुवार को 2.04% चढ़कर 188.50 रुपये पर बंद हुआ, हालांकि पिछले एक साल में इसमें 22% से ज्यादा की गिरावट आई है।
Share News: इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी अशोका बिल्डकॉन ने गुरुवार को बड़ा एलान किया कि उसने अपनी सब्सिडियरी विवा हाईवेज लिमिटेड के जरिए Jaora-Nayagaon Toll Road Company (JTCL) में हिस्सेदारी बढ़ाकर 61.17% कर ली है। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि यह अधिग्रहण 166.59 करोड़ रुपये में पूरा हुआ है, जिसके तहत 7.46 करोड़ इक्विटी शेयर खरीदे गए। यह सौदा अशोका बिल्डकॉन की रणनीतिक योजना का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य रोड इंफ्रास्ट्रक्चर पोर्टफोलियो को मजबूत करना और ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ाना है।
अधिग्रहण का पूरा ब्योरा
अशोका बिल्डकॉन ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में बताया कि यह अधिग्रहण 166.59 करोड़ रुपये में पूरा किया गया है। इसके तहत विवा हाईवेज ने 7,46,20,000 इक्विटी शेयर खरीदे हैं। ये शेयर कंपनी ने मैक्वेरी एसबीआई इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और एसबीआई मैक्वेरी इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट से अधिग्रहित किए हैं। यह पूरी डील नकद भुगतान के आधार पर पूरी की गई है।
यह अधिग्रहण अशोका बिल्डकॉन की रणनीतिक योजना का हिस्सा है। कंपनी का मकसद अपने रोड इंफ्रास्ट्रक्चर पोर्टफोलियो को और मजबूत करना और संचालन क्षमता यानी ऑपरेशनल एफिशिएंसी को बढ़ाना है। अशोका बिल्डकॉन पहले से ही कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है और इस अधिग्रहण से उसकी स्थिति बाजार में और मजबूत हो सकती है।
जेटीसीएल का परिचय
जाओरा-नयागांव टोल रोड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (JTCL) मध्य प्रदेश में राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण परियोजना को संभाल रही है। यह प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा दिए गए कंसैशन एग्रीमेंट के तहत विकसित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत स्टेट हाईवे-31 का पुनर्निर्माण, चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण जैसे काम किए जा रहे हैं। यह परियोजना बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (BOT) मॉडल पर चलाई जा रही है, यानी कंपनी निवेश कर सड़कों का निर्माण करती है, फिर तय अवधि तक उसका संचालन करती है और बाद में सरकार को सौंप देती है।
अशोका बिल्डकॉन द्वारा यह अधिग्रहण नकद भुगतान से पूरा करना इस बात का संकेत है कि कंपनी वित्तीय रूप से मजबूत स्थिति में है। इसके साथ ही कंपनी ने बताया कि शेयर परचेज एग्रीमेंट (SPA) की शर्तों के तहत लॉन्ग स्टॉप डेट को 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दिया गया है। इसका मतलब है कि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी तरह से अभी चल रही है और आने वाले दिनों में इससे जुड़े और अपडेट मिल सकते हैं।
कंपनी का शेयर प्रदर्शन
अधिग्रहण की खबर सामने आने के बाद कंपनी का शेयर बाजार में हलचल में रहा। गुरुवार को कंपनी का शेयर 2.04 फीसदी की तेजी के साथ 188.50 रुपये पर बंद हुआ। हालांकि, अगर पिछले एक साल के प्रदर्शन पर नजर डालें तो कंपनी के शेयर में करीब 22.41 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं हाल के दिनों में बाजार में आई सुस्ती और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की चुनौतियों का भी असर कंपनी के शेयर पर देखने को मिला है।
इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार की तैयारी
अशोका बिल्डकॉन लंबे समय से सड़क और हाईवे प्रोजेक्ट्स में निवेश कर रही है। कंपनी का मकसद सिर्फ मौजूदा प्रोजेक्ट्स को मजबूत करना ही नहीं बल्कि आने वाले वर्षों में नई परियोजनाओं के जरिए अपने पोर्टफोलियो को और विविध बनाना भी है। जेटीसीएल में हिस्सेदारी बढ़ाने का कदम इसी दिशा में देखा जा रहा है।
निवेशकों की नजर कंपनी पर
शेयर बाजार के जानकारों का मानना है कि इस अधिग्रहण से कंपनी की साख में सुधार होगा। हालांकि, शेयर की मौजूदा स्थिति निवेशकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में अशोका बिल्डकॉन के शेयर इस अधिग्रहण से कितना फायदा उठाते हैं।