भारतीय महिला हॉकी टीम का खराब प्रदर्शन एफआईएच प्रो लीग के यूरोपीय चरण में भी जारी रहा, जहां उसे चीन के खिलाफ 0-3 से करारी हार झेलनी पड़ी। यह भारतीय टीम की लगातार सातवीं हार रही, जिससे उसके प्रदर्शन पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
स्पोर्ट्स न्यूज़: भारतीय महिला हॉकी टीम का एफआईएच प्रो लीग 2025 में निराशाजनक प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा। यूरोपियन चरण में खेले गए एक और मुकाबले में भारत को चीन के हाथों 0-3 की करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। यह टीम की लगातार सातवीं हार है, जिससे वह टूर्नामेंट की अंकतालिका में सबसे निचले पायदान पर पहुंच गई है और शीर्ष स्तर से बाहर होने का खतरा सिर पर मंडरा रहा है।
15 मैचों में सिर्फ 10 अंकों के साथ भारतीय टीम नौ टीमों की तालिका में अंतिम स्थान पर है। इंग्लैंड 14 मैचों में 11 अंकों के साथ भारत से ठीक ऊपर आठवें स्थान पर है। ऐसे में भारत को टूर्नामेंट में बने रहने के लिए अगले मैच में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी।
पहले क्वार्टर में गंवाए मौके
शनिवार को खेले गए इस मुकाबले में भारतीय टीम ने आक्रामक शुरुआत की थी। मैच के तीसरे मिनट में बलजीत कौर के पास शानदार मौका था, लेकिन उनका शॉट गोलपोस्ट के बाहर निकल गया। इसके तुरंत बाद भारत को लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले, जिन पर दीपिका गोल करने में नाकाम रहीं। चीन ने शुरुआती झटकों के बाद जल्द ही लय पकड़ी और पहले क्वार्टर के अंतिम क्षणों में पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया, लेकिन भारतीय रक्षापंक्ति ने सजगता दिखाते हुए गोल नहीं होने दिया। अनुभवी गोलकीपर सविता पुनिया ने भी कुछ शानदार बचाव किए, खासकर 13वें मिनट में गुओटिंग हाओ के रिवर्स हिट को रोककर।
दूसरे क्वार्टर में चीन का पलड़ा भारी
दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में ही चीन ने लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर अर्जित किए, जिन्हें भारतीय रक्षापंक्ति ने विफल किया। लेकिन 21वें मिनट में चीन को एक और मौका मिला, जिसे चेन यांग ने गोल में बदलने में कोई गलती नहीं की। इससे चीन 1-0 से आगे हो गया। इसके बाद भारतीय टीम बिखरी नजर आई। 26वें मिनट में चीन ने फिर दबाव बनाया और अपना पांचवां पेनल्टी कॉर्नर पाया, जिसे झांग यिंग ने गोल में तब्दील कर स्कोर 2-0 कर दिया। भारत ने मध्यांतर से पहले वापसी की कोशिश की, लेकिन गोलपोस्ट तक पहुंचने में नाकाम रही।
तीसरे और चौथे क्वार्टर में भी कोई सुधार नहीं
तीसरे क्वार्टर में चीन का दबदबा कायम रहा। 45वें मिनट में चीन की आनहुल यू ने मैदानी गोल करते हुए टीम को 3-0 की बढ़त दिला दी। भारतीय टीम के पास इस दौरान कुछ मौके जरूर आए, लेकिन फॉरवर्ड लाइन की नाकामी के चलते स्कोर बोर्ड पर खाता नहीं खुल पाया। भारतीय डिफेंस कई बार टूटता नजर आया और मिडफील्ड ने भी गेंद पर नियंत्रण खो दिया, जिसका फायदा चीन ने बखूबी उठाया।
भारतीय महिला हॉकी टीम अब रविवार को एक बार फिर चीन से भिड़ेगी। यह इस सीजन में भारत का आखिरी मुकाबला होगा। ऐसे में टीम के पास अपनी खोई हुई साख वापस पाने का आखिरी मौका है। कप्तान सविता ने हार के बाद कहा, हमने मौके बनाए लेकिन गोल में तब्दील नहीं कर पाए। लगातार हार से टीम का आत्मविश्वास प्रभावित हुआ है, लेकिन हम आखिरी मैच में वापसी की पूरी कोशिश करेंगे।
टूर्नामेंट से बाहर होने का खतरा
लगातार सात हार ने भारत की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अगर टीम अगला मुकाबला भी हारती है, तो उसे एफआईएच प्रो लीग के शीर्ष स्तर से बाहर होना पड़ सकता है, जिससे भविष्य की तैयारियों पर भी असर पड़ेगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि भारतीय टीम को अपनी फिनिशिंग और पेनल्टी कॉर्नर कन्वर्जन पर तुरंत काम करना होगा, वरना ओलंपिक जैसे बड़े टूर्नामेंटों में भी कठिनाई आ सकती है।