इस घोटाले की शुरुआत पंजाब के बरनाला निवासी निर्मल सिंह भंगू ने की थी, जो पहले दूध के कारोबार से जुड़ा हुआ था। बाद में उसने गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियों में काम करते हुए जमीन में निवेश की स्कीमें शुरू कीं
देश के सबसे बड़े निवेश घोटाले में एक और गिरफ्तारी हुई है। PACL (पर्ल्स एग्रो-टेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड) घोटाले में शामिल डायरेक्टर गुरनाम सिंह को उत्तर प्रदेश की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने पंजाब के रूपनगर से गिरफ्तार कर लिया है। इस पर देशभर में 5 करोड़ से ज्यादा लोगों को धोखा देकर करीब 49 हजार करोड़ रुपये की ठगी का आरोप है।
CBI और ED पहले से कर रही हैं जांच
इस केस की जांच पहले से ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रही हैं। जांच एजेंसियों को निवेशकों की लगातार आ रही शिकायतों और सेबी (SEBI) की गहन पड़ताल के बाद कई अहम सबूत मिले थे। कानपुर स्थित EOW थाने में 2018 में इस मामले में एफआईआर नंबर 1/18 के तहत केस दर्ज हुआ था। इस केस में कुल 10 लोगों के नाम शामिल हैं, जिनमें से चार पहले ही जेल में हैं।
गुरनाम सिंह की भूमिका
गिरफ्तार आरोपी गुरनाम सिंह PACL का डायरेक्टर रहा है। EOW के अधिकारियों ने बताया कि इस पद पर उसे PACL के फाउंडर निर्मल सिंह भंगू ने नियुक्त किया था। आरोप है कि गुरनाम सिंह ने यूपी और अन्य राज्यों में बिना किसी वैध अनुमति के लोगों से मोटी रकम निवेश के नाम पर जुटाई। उसके खिलाफ कई राज्यों में मामले दर्ज हैं।
कैसे शुरू हुआ यह घोटाला
PACL की शुरुआत जयपुर में 1996 में एक छोटी कंपनी गुरुवंत एग्रो-टेक के रूप में हुई थी। साल 2011 में इसका नाम बदलकर PACL कर दिया गया। कंपनी ने बिना किसी NBFC रजिस्ट्रेशन के ही निवेशकों से पैसा जुटाना शुरू कर दिया। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 के तहत ऐसे किसी भी काम के लिए NBFC का लाइसेंस जरूरी होता है।
कंपनी ने यूपी के महोबा, सुल्तानपुर, जालौन और फर्रुखाबाद जैसे जिलों में अपनी शाखाएं खोलकर वहां के लोगों को किस्तों पर जमीन देने और फिक्स्ड रिटर्न का लालच दिया। बदले में लोगों को सिर्फ बांड की रसीदें थमा दी गईं, जबकि न तो उन्हें जमीन मिली और न ही कोई रिटर्न। अकेले उत्तर प्रदेश में 19,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी हुई।
ED की चार्जशीट में नए खुलासे
प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में दिल्ली की विशेष PMLA कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। जांच में सामने आया है कि PACL के फंड्स को कई शेल कंपनियों और फर्जी संस्थाओं के जरिए इधर-उधर घुमाया गया। इनमें MDB हाउसिंग कॉम्प्लेक्स जैसी कंपनियां शामिल थीं जिन्हें PACL के फाउंडर निर्मल सिंह भंगू के दामाद हरसतिंदर पाल सिंह हायर नियंत्रित कर रहे थे।
ED के अनुसार, हायर ने इस घोटाले से मिले पैसों से मुंबई, पंजाब और हरियाणा में महंगी प्रॉपर्टी खरीदी और उन्हें वैध दिखाने की कोशिश की। हायर को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और वह अभी न्यायिक हिरासत में है।
घोटाले की शुरुआत कहां से हुई
निर्मल सिंह भंगू जो कि पंजाब के बरनाला जिले का रहने वाला था, उसने इस घोटाले की नींव रखी। पहले वह दूध का व्यवसाय करता था और बाद में उसने गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियों से सीख लेकर PACL की शुरुआत की। उसका दावा था कि वो किसानों से जमीन खरीदकर कमर्शियल इस्तेमाल के लिए देगा और निवेशकों को मोटा मुनाफा मिलेगा।
लेकिन असल में निवेशकों को सिर्फ बांड की रसीदें दी गईं और जमीन का कोई लेन-देन नहीं हुआ।