रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर ऊधमपुर में सेना के जवानों के साथ योगाभ्यास किया और इस दौरान देश की सुरक्षा, एकता और सैनिकों की भूमिका पर भावपूर्ण विचार साझा किए।
नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक भावुक और दूरदर्शी संदेश दिया। उन्होंने सिर्फ शारीरिक योग की बात नहीं की, बल्कि “विचार और समाज के स्तर पर योग” की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। ऊधमपुर में सैनिकों के साथ योगाभ्यास करते हुए उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख कर पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी और साथ ही भारत की सामाजिक एकता को आतंकवाद की सबसे बड़ी ढाल बताया।
ऑपरेशन सिंदूर का संदेश: आतंकवाद पर निर्णायक प्रतिक्रिया
राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की एकता और अखंडता का उत्तर था। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह ऑपरेशन 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की एयर स्ट्राइक का ही अगला चरण था, जिसका मकसद न केवल आतंकी हमलों का जवाब देना था, बल्कि पाकिस्तान को यह समझाना भी था कि भारत अब किसी भी कीमत पर चुप नहीं बैठेगा।
उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने सिर्फ एक आतंकी घटना को अंजाम नहीं दिया, बल्कि उसने भारत की सामाजिक और सांप्रदायिक एकता को भी निशाना बनाया। ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए हमने उसे बता दिया कि अब भारत को चोट पहुँचाना बेहद महंगा साबित होगा।
वीरों को दी श्रद्धांजलि
अपने भाषण में रक्षा मंत्री ने मेजर सोमनाथ शर्मा और ब्रिगेडियर उस्मान जैसे भारत के वीर सपूतों को याद किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बार-बार भारत को अंदर से तोड़ने की कोशिश करता है, लेकिन उसे याद रखना चाहिए कि भारत की आत्मा को कोई नहीं हिला सकता। नौशेरा की धरती जहां ब्रिगेडियर उस्मान ने सर्वोच्च बलिदान दिया, वह आज भी हमें यह याद दिलाती है कि भारत की एकता किसी एक समुदाय या जाति की देन नहीं, बल्कि हर उस वीर की देन है जो इस देश के लिए मिट गया।
राजनाथ सिंह ने योग के व्यापक अर्थ को समझाते हुए कहा, योग का अर्थ सिर्फ शरीर की लचक नहीं है, इसका वास्तविक अर्थ है – जोड़ना। समाज के हर वर्ग को भारत की संस्कृति और चेतना से जोड़ना ही असली योग है। यदि एक भी वर्ग पीछे छूट गया, तो हमारी एकता का चक्र टूट सकता है। उन्होंने कहा कि आज के दिन केवल शारीरिक अभ्यास न हो, बल्कि हमें विचारों में एकरूपता और समाज में समरसता लाने का प्रयास करना चाहिए। यही सच्चा योग है, जो भारत को न सिर्फ आतंरिक रूप से मजबूत बनाता है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी उसकी पहचान को संवारता है।
सैनिकों के योगाभ्यास की तारीफ
राजनाथ सिंह ने सेना में योग के बढ़ते रुझान की सराहना की। उन्होंने कहा कि वह स्वयं कई बार सेना के साथ समय बिताने का सौभाग्य पा चुके हैं और उन्होंने देखा है कि कैसे जवान योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना चुके हैं। योग सैनिकों को मानसिक रूप से स्थिर और शारीरिक रूप से लचीला बनाता है। युद्ध जैसे तनावपूर्ण हालात में भी यह अनुशासन और ध्यान केंद्रित रहने में मदद करता है। आज सेना के भीतर योग का यह प्रसार हमारी सामरिक शक्ति को और मज़बूत बनाता है।