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Operation Sindoor पर KBC एपिसोड में महिला अधिकारी, विपक्ष ने उठाए गंभीर सवाल

Operation Sindoor पर KBC एपिसोड में महिला अधिकारी, विपक्ष ने उठाए गंभीर सवाल

स्वतंत्रता दिवस KBC एपिसोड में महिला सैन्य अधिकारी वर्दी में शामिल हुईं। Operation Sindoor की रणनीति समझाने से विरोध बढ़ा। विपक्ष ने इसे पेशेवर और संवेदनशील सैन्य जानकारी के लिए अनुचित बताया।

Operation Sindoor: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रसारित लोकप्रिय टीवी क्विज़ शो कौन बनेगा करोड़पति (KBC) का एक हालिया एपिसोड राजनीतिक और सामाजिक विवाद में फंस गया है। इस एपिसोड में तीन महिला सैन्य अधिकारियों- कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और मेजर प्रेरणा देवस्थली की उपस्थिति को लेकर विपक्ष और जनता में सवाल उठ रहे हैं।

विरोधी दलों का तर्क है कि वर्दीधारी अधिकारी निजी मनोरंजन शो में शामिल होकर संवेदनशील सैन्य अभियानों के बारे में चर्चा कर रहे हैं। इस पर सवाल उठता है कि क्या सेना और अन्य सुरक्षा बलों के अधिकारी सार्वजनिक मनोरंजन कार्यक्रमों में अपनी वर्दी में बैठ सकते हैं, और क्या यह पेशेवर छवि के लिए सही है।

केरल कांग्रेस और शिवसेना ने उठाए सवाल

केरल कांग्रेस ने इस मामले में कड़ी आपत्ति जताई। पार्टी ने कहा कि किसी भी पेशेवर सैन्य परंपरा वाले देश में यह कल्पना भी नहीं की जा सकती कि वर्दीधारी अधिकारी किसी निजी मनोरंजन शो में बैठकर बॉलीवुड अभिनेता को ऑपरेशन की रणनीति समझाएं। कांग्रेस ने इसे "नए भारत का नजारा" बताया और आरोप लगाया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में देखने को मिल रहा है।

शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जिस चैनल पर यह कार्यक्रम प्रसारित हुआ, उसकी मूल कंपनी Sony Pictures Networks India (SPNI) भारत-पाकिस्तान मैचों के प्रसारण अधिकार रखती है और इससे व्यावसायिक लाभ कमाती है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की प्रमुख महिला अधिकारी इस चैनल के शो में आमंत्रित की गईं, जबकि चैनल भारत-पाक मुकाबलों से मुनाफा कमाएगा।

टीवी शो का प्रोमो 

KBC के हाल ही में जारी प्रोमो में अमिताभ बच्चन अधिकारियों का भव्य स्वागत करते दिखाई दिए। प्रोमो में कर्नल सोफिया कुरैशी यह कहती दिखती हैं कि पाकिस्तान बार-बार आतंकवादी घटनाएं करता रहा है और इसका जवाब देना आवश्यक था। इसी वजह से Operation Sindoor की योजना बनाई गई।

इस प्रोमो ने मीडिया और जनता दोनों का ध्यान खींचा और साथ ही बहस को जन्म दिया कि क्या सैन्य अभियानों की संवेदनशील जानकारी का टीवी पर प्रदर्शन उचित है।

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