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IPO Listing: सरकार की PSBs को सलाह, सहायक कंपनियों को करें स्टॉक मार्केट में लिस्ट

IPO Listing: सरकार की PSBs को सलाह, सहायक कंपनियों को करें स्टॉक मार्केट में लिस्ट

सरकार ने सार्वजनिक बैंकों को सहायक कंपनियों की IPO या विनिवेश के जरिए लिस्टिंग की सलाह दी है। इससे पूंजी जुटेगी, पारदर्शिता बढ़ेगी और मुनाफे के नए अवसर मिलेंगे।

IPO Listing: सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Public Sector Banks - PSBs) को एक अहम दिशा-निर्देश दिया है। उन्हें सलाह दी गई है कि वे अपनी सहायक कंपनियों (Subsidiaries) और संयुक्त उपक्रमों (Joint Ventures) को मजबूत बनाएं और फिर उन्हें शेयर बाजार में लिस्ट करें। इसका उद्देश्य बैंकों को मुनाफा कमाने का अवसर देना और पूंजी जुटाने का एक व्यवस्थित तरीका अपनाना है।

वित्त मंत्रालय का कहना है कि बैंक इन कंपनियों के व्यापार का विस्तार करें और जहां जरूरी हो वहां निवेश करें। इसके बाद उचित समय पर इनका IPO लाकर या विनिवेश के जरिए मूल्य को अनलॉक करें। यह रणनीति बैंकों को अपने परिसंपत्तियों से बेहतर रिटर्न हासिल करने में मदद करेगी।

लिस्टिंग से पहले जरूरी सुधार

मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि शेयर बाजार में लिस्टिंग से पहले इन कंपनियों में गवर्नेंस सुधारने की आवश्यकता है। इसके तहत बेहतर प्रबंधन, पारदर्शी निर्णय और संचालन में दक्षता लाने पर जोर दिया गया है।

इस प्रक्रिया का उद्देश्य है कि बाजार में लिस्ट होने के बाद कंपनियां निवेशकों का विश्वास अर्जित करें और लंबी अवधि में मूल्य बढ़ाएं।

SBI की दो बड़ी कंपनियों की हो सकती है लिस्टिंग

देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), भविष्य में अपनी दो प्रमुख सहायक कंपनियों को शेयर बाजार में लाने की योजना बना रहा है।

SBI General Insurance

यह जनरल इंश्योरेंस क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी है। वर्ष 2024-25 में इसने 509 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया है। मार्च 2025 तक SBI की हिस्सेदारी घटकर 68.99 प्रतिशत रह गई है, जो पहले 69.11 प्रतिशत थी। यह लिस्टिंग की दिशा में एक संकेत माना जा रहा है।

SBI Payment Services

यह कंपनी देश की अग्रणी मर्चेंट अक्वायरिंग कंपनियों में से एक है। SBI की इसमें 74 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि बाकी हिस्सेदारी Hitachi Payment Services के पास है। 31 मार्च 2024 तक कंपनी के पास 33.10 लाख पेमेंट एक्सेप्टेंस टच पॉइंट थे, जिनमें से 13.67 लाख POS मशीनें थीं। लिस्टिंग से पहले यह आंकड़ा निवेशकों के लिए भरोसेमंद संकेत देता है।

केनरा बैंक भी लिस्टिंग की दिशा में सक्रिय

केनरा बैंक ने भी अपनी दो कंपनियों को शेयर बाजार में लिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

Canara Robeco Asset Management Company (AMC)

यह केनरा बैंक और Robeco Group का संयुक्त उपक्रम है। बैंक ने इसकी लिस्टिंग की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। यह भारत की तेजी से बढ़ती हुई AMC में से एक मानी जाती है।

Canara HSBC Life Insurance Company

इसमें केनरा बैंक की 14.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसे बेचने की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। अब इस कंपनी को शेयर बाजार में लाने की योजना बनाई जा रही है। यह लिस्टिंग सरकार की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

सरकार की समग्र रणनीति 

सरकार चाहती है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक केवल बैंकिंग व्यवसाय तक सीमित न रहें, बल्कि अपने अन्य व्यवसायों से भी अधिकतम लाभ अर्जित करें। इसके लिए वे अपनी सहायक कंपनियों को व्यावसायिक रूप से अधिक सक्षम बनाएं। जब कंपनियों का व्यवसाय बढ़ेगा और वे मुनाफा कमाने लगेंगी, तब IPO या विनिवेश का रास्ता अपनाया जाए।

यह रणनीति सरकार के disinvestment agenda का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य PSUs को अधिक दक्ष और लाभकारी बनाना है। साथ ही इससे बैंकों को अतिरिक्त पूंजी प्राप्त होगी, जिसे वे अपने core banking operations में इस्तेमाल कर सकते हैं।

कम से कम 15 कंपनियों के IPO की संभावना

सरकारी सूत्रों की मानें तो आने वाले वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कम से कम 15 सहायक या संयुक्त कंपनियों के IPO या विनिवेश की संभावना है। इनमें इंश्योरेंस, एसेट मैनेजमेंट, पेमेंट सर्विसेज और इन्वेस्टमेंट बैंकिंग से जुड़ी कंपनियां शामिल हो सकती हैं।

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