दिल्ली सरकार पूर्व CM अरविंद केजरीवाल के विवादित बंगले ‘शीशमहल’ को स्टेट गेस्ट हाउस बनाने का प्रस्ताव तैयार कर रही है। यहाँ बैठक, प्रशिक्षण कार्यशाला और आम लोगों के लिए कैफेटेरिया जैसी सुविधाएँ भी उपलब्ध होंगी।
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विवादित बंगले, जिसे आमतौर पर 'शीशमहल' कहा जाता है, को स्टेट गेस्ट हाउस बनाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। यह बंगला सिविल लाइंस के फ्लैगस्टाफ रोड पर स्थित है और फिलहाल खाली पड़ा है। सरकार की प्राथमिकता इसे राज्य और केंद्र के अधिकारियों, मंत्रियों की बैठकें और प्रशिक्षण कार्यशालाओं के लिए इस्तेमाल करना है। इससे राजधानी में एक आधुनिक और सुरक्षित सरकारी सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
पूर्व सीएम के इस बंगले को स्टेट गेस्ट हाउस में बदलने का कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि दिल्ली सरकार का अपना कोई बड़ा गेस्ट हाउस नहीं है। इसके निर्माण में हुई कथित अनियमितताओं की जांच 2022 में LG वीके सक्सेना के निर्देश पर शुरू हुई थी, और वर्तमान में यह जांच CBI के अधीन है।
स्टेट गेस्ट हाउस में क्या-क्या सुविधाएं होंगी
बंगले नंबर 6 में कैंटीन या कैफेटेरिया, वेटिंग हॉल, पार्किंग क्षेत्र और अन्य आवश्यक सुविधाएं बनाई जाएंगी। खास बात यह है कि कैंटीन आम लोगों के लिए भी खुली रहेगी, जिससे नागरिक भी इस सुविधा का उपयोग कर सकेंगे। इसके अलावा, सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों के लिए अलग-अलग बैठक कक्ष, प्रशिक्षण हॉल और सेमिनार रूम भी बनाए जाएंगे।
यह स्टेट गेस्ट हाउस अन्य राज्यों के गेस्ट हाउसों की तरह कार्य करेगा, जहां अधिकारी और मंत्री अपनी बैठकों का आयोजन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण कार्यशालाओं और विशेष कार्यक्रमों के आयोजन से सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और सुविधा बढ़ेगी।
केंद्र सरकार को सौंपने का प्रस्ताव और बदलाव
सरकार ने पहले इस बंगले को केंद्र सरकार को सौंपने का प्रस्ताव भी रखा था। इसके बदले में दिल्ली सरकार ने एकमुश्त राशि की मांग की थी। हालांकि, केंद्र की तरफ से इस प्रस्ताव पर कोई जवाब नहीं आया, जिसके बाद दिल्ली सरकार की पहली प्राथमिकता इसे स्टेट गेस्ट हाउस बनाना बन गई है। इससे सरकार को राजधानी में अपनी सुविधाओं के विस्तार में आसानी होगी और अन्य राज्यों के अधिकारियों के लिए एक स्थायी गेस्ट हाउस उपलब्ध होगा।
बंगले की देखभाल और जांच
फिलहाल यह बंगला खाली पड़ा है और इसकी देखभाल के लिए 10 कर्मचारी तैनात हैं। ये कर्मचारी बंगले की सुरक्षा, रख-रखाव और साफ-सफाई सुनिश्चित कर रहे हैं।
बंगले के निर्माण और संचालन में कथित अनियमितताओं की जांच CBI के अधीन है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी तरह की भ्रष्टाचार या लापरवाही न हो। साथ ही, यह कदम सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है।