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केमिस्ट्री टीचर ने कॉलेज लैब में फांसी लगाकर की आत्महत्या, पेट की बीमारी बताई जा रही वजह

केमिस्ट्री टीचर ने कॉलेज लैब में फांसी लगाकर की आत्महत्या, पेट की बीमारी बताई जा रही वजह

मिर्जापुर के गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज में केमिस्ट्री शिक्षक डॉ. दिलीप सिंह ने पेट की बीमारी और अवसाद से परेशान होकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शव लैब में पंखे से लटका मिला, पत्नी शव देखकर बेहोश हो गईं।

मिर्जापुर: उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर के कछवां स्थित गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज में गुरुवार की सुबह एक दुखद और सनसनीखेज घटना सामने आई। 56 वर्षीय डॉ. दिलीप सिंह, जो कॉलेज में केमिस्ट्री शिक्षक के रूप में लंबे समय से कार्यरत थे, ने अपनी लैब में पंखे से गमछे के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना का वीडियो सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है।

पुलिस ने बताया कि डॉ. सिंह लंबे समय से पेट की बीमारी से परेशान थे और मानसिक तनाव के कारण वे अवसादग्रस्त थे। उनके सहयोगियों और परिवार ने भी उनकी स्वास्थ्य स्थिति के कारण यह कदम उठाने की आशंका जताई है।

डॉ. दिलीप सिंह ट्रेनिंग के लिए कॉलेज पहुंचे

गुरुवार की सुबह डॉ. दिलीप सिंह पीईटी के कक्ष निरीक्षकों की ट्रेनिंग में शामिल होने कॉलेज पहुंचे थे। हालांकि, उन्हें काफी देर तक कहीं दिखाई नहीं दिया, जिससे उनके सहकर्मियों में चिंता बढ़ गई।

सहकर्मियों ने उनका मोबाइल फोन कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। बाद में एक सहयोगी ने सीसीटीवी फुटेज देखी, जिसमें डॉ. सिंह को केमिस्ट्री लैब में पंखे से लटके हुए देखा गया।

पुलिस ने लैब का दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। दरवाजा अंदर से बंद होने की वजह से पुलिस ने इसे तोड़कर अंदर प्रवेश किया और डॉ. सिंह को फंदे से नीचे उतारा।

सीओ सदर अमर बहादुर ने बताया कि यह आत्महत्या का मामला है। उनका कहना है कि डॉ. सिंह पेट की बीमारी से परेशान और मानसिक रूप से तनावग्रस्त थे। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

पत्नी मंजुला सिंह प्राइमरी स्कूल में अध्यापिका

डॉ. दिलीप सिंह चोलापुर क्षेत्र (वाराणसी) के मझवां गांव के निवासी थे। वे वर्ष 1996 से गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज में शिक्षक के रूप में कार्यरत थे और अपने छात्रों के प्रति हमेशा समर्पित रहे।

उनकी पत्नी मंजुला सिंह वाराणसी के राजातालाब में प्राइमरी स्कूल में अध्यापिका हैं। उनके दो बच्चे हैं – पुत्र अमन सिंह, जो लखनऊ से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं, और पुत्री आयुषी सिंह, जो कानपुर से एम फार्मा कर रही हैं।

घटना की खबर लगते ही पत्नी मंजुला सिंह कॉलेज पहुंचीं और पति का शव देखकर वह बेहोश हो गईं।

कॉलेज और स्थानीय समुदाय में शोक और चिंता

कॉलेज के शिक्षक और छात्र डॉ. दिलीप सिंह की आत्महत्या से गहरे शोक में हैं। सहकर्मी बताते हैं कि डॉ. सिंह छात्रों के प्रति हमेशा समर्पित और मददगार रहे।

कॉलेज और आसपास के इलाके में इस घटना ने गहरी चिंता और दुख का माहौल बना दिया है। परिजन और स्थानीय लोग घटना के कारणों की जांच की मांग कर रहे हैं।

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