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करूर भगदड़ मामले में TVK ने पुलिस SIT पर उठाए सवाल, सुप्रीम कोर्ट से आदेश की अपील

करूर भगदड़ मामले में TVK ने पुलिस SIT पर उठाए सवाल, सुप्रीम कोर्ट से आदेश की अपील

तमिल नेता विजय की पार्टी TVK ने करूर भगदड़ मामले में पुलिस SIT पर निष्पक्षता पर सवाल उठाए। पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट से स्वतंत्र जांच की मांग की। रैली में 27,000 लोग मौजूद थे और अनुशासनहीनता के कारण 41 लोग मारे गए।

Karur Stampede: तमिल अभिनेता और नेता विजय की राजनीतिक पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) ने करूर भगदड़ मामले में पुलिस के नेतृत्व वाली विशेष जाँच टीम (SIT) पर सवाल उठाए हैं और सुप्रीम कोर्ट से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है। इस मामले में हाईकोर्ट ने पहले ही पुलिस महानिरीक्षक के नेतृत्व में SIT के गठन का आदेश दिया था, लेकिन TVK का कहना है कि पुलिस स्वयं जांच कर रही है, जिससे निष्पक्षता पर संदेह पैदा होता है। पार्टी ने शीर्ष अदालत से हस्तक्षेप की अपील करते हुए पूरी तरह से स्वतंत्र जांच की माँग की है।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका

टीवीके की ओर से यह याचिका अधिवक्ता दीक्षिता गोहिल, प्रांजल अग्रवाल और यश एस विजय के माध्यम से दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि पुलिस की निगरानी में चल रही SIT जांच घटना की सच्चाई उजागर नहीं कर पाएगी। इसलिए सर्वोच्च न्यायालय से निवेदन किया गया है कि पुलिस द्वारा संचालित जांच के बजाय स्वतंत्र जांच के लिए आदेश जारी किया जाए। कोर्ट ने इस याचिका की सुनवाई 10 अक्टूबर को निर्धारित की है।

मद्रास उच्च न्यायालय का आदेश

मद्रास उच्च न्यायालय ने 3 अक्टूबर को करूर भगदड़ मामले की जांच के लिए पुलिस महानिरीक्षक के नेतृत्व में SIT गठित करने का निर्देश दिया था। इस आदेश के अनुसार SIT को घटना के हर पहलू की गहन समीक्षा करनी थी और जिम्मेदारों की पहचान कर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी। उच्च न्यायालय ने यह आदेश उस समय दिया जब रैली के कुप्रबंधन को लेकर तीखी आलोचना हो रही थी, जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई थी।

रैली में भगदड़ की वजह

27 सितंबर को करूर में विजय की पार्टी द्वारा आयोजित रैली में लगभग 27,000 लोग मौजूद थे। यह संख्या अनुमानित क्षमता से तीन गुना अधिक थी। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस द्वारा कार्यक्रम स्थल पर पहुँचने में सात घंटे की देरी भी इस अफरा-तफरी का एक मुख्य कारण बनी। रैली के दौरान अनुशासनहीनता और सुरक्षा प्रबंधों में कमी के कारण भगदड़ भड़की और कई लोगों की जान चली गई।

CBI जांच की माँग

करूर भगदड़ मामले को लेकर अब तक सुप्रीम कोर्ट में कुल तीन याचिकाएँ दायर की जा चुकी हैं। TVK की याचिका के अलावा अधिवक्ता जीएस मणि ने भी अदालत में याचिका दायर की है, जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच की मांग की गई है। यह याचिका मुख्य रूप से मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दायर की गई है।

पार्टी ने क्या कहा 

टीवीके का कहना है कि पुलिस के नेतृत्व वाली SIT के बजाय स्वतंत्र जांच ही घटना की वास्तविक वजहों को सामने ला सकती है। पार्टी ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है और सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि न्यायपूर्ण और निष्पक्ष जांच के लिए आदेश जारी किया जाए। पार्टी के अनुसार, रैली में हुए कुप्रबंधन और भीड़ नियंत्रण में विफलता के कारण यह हादसा हुआ।

अधिकारियों ने बताया कि रैली स्थल पर अनुमानित क्षमता से तीन गुना अधिक लोग जमा हो गए थे। भारी भीड़ के कारण सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह असफल रही। पुलिस और आयोजकों के बीच समन्वय की कमी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। रैली के दौरान उचित मार्गदर्शन और आपातकालीन उपाय नहीं होने के कारण भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हुई।

सुप्रीम कोर्ट से उम्मीदें

TVK के वकीलों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप कर सकती है और स्वतंत्र जांच की मंजूरी दे सकती है। इससे न केवल घटना के वास्तविक कारण सामने आएंगे बल्कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने में भी मदद मिलेगी। न्यायिक हस्तक्षेप के बाद जांच पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी होगी, जिससे पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा।

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