तमिलनाडु के करूर में विजय की रैली में भगदड़ से 41 लोगों की मौत हुई। हाई कोर्ट ने CBI जांच से इनकार किया और सरकार व टीवीके पार्टी को पीड़ितों के मुआवजे पर दो हफ्तों में जवाब देने का आदेश दिया।
Vijay Rally Stampede: तमिलनाडु के करूर में अभिनेता और अब राजनेता विजय की पार्टी टीवीके (Tamizhaga Vetri Kazhagam) की रैली के दौरान मची भगदड़ ने पूरे राज्य को झकझोर दिया। इस हादसे में 41 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 11 बच्चे भी शामिल थे। 100 से ज्यादा लोग घायल हुए। यह मामला अब मद्रास हाई कोर्ट तक पहुंचा जहां सीबीआई जांच की मांग की गई थी। लेकिन अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि अदालत को राजनीति का अखाड़ा न बनाया जाए।
कोर्ट ने क्या कहा?
मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ, जिसमें जस्टिस एम. धंदापानी और जस्टिस एम. जोतिरमन शामिल थे, ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता एम.एल. रवि खुद एक राजनेता हैं और पीड़ितों से उनका कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। अदालत ने कहा कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और ऐसे में सीबीआई को सौंपना उचित नहीं होगा।
पीठ ने यह भी कहा कि न्यायालय को राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता। इसीलिए सीबीआई जांच की मांग खारिज कर दी गई। साथ ही, इसी तरह की एक और याचिका को भी अदालत ने विचारणीय नहीं माना।
अदालत के आदेश
कोर्ट ने इस त्रासदी के बाद कई अहम निर्देश दिए। आदेश में कहा गया कि भविष्य में राज्य या राष्ट्रीय राजमार्गों के निकट कोई भी सार्वजनिक रैली आयोजित नहीं की जाएगी। अगर कहीं रैली होती है तो आयोजकों और सरकार की जिम्मेदारी होगी कि वहां पेयजल, शौचालय, एम्बुलेंस और निकास मार्ग की व्यवस्था हो।
अदालत ने साफ कहा कि लोगों की जान बचाना राज्य सरकार का कर्तव्य है। इस मामले में तमिलनाडु सरकार को भी फटकार लगाई गई।
पीड़ितों को मुआवजे पर नोटिस
मुआवजे से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार और विजय की पार्टी टीवीके दोनों को नोटिस जारी किया। दोनों पक्षों को दो हफ्तों के भीतर जवाब देना होगा कि पीड़ितों और घायलों को मुआवजे का क्या प्रावधान होगा।
सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान
विजय की पार्टी टीवीके ने हादसे के तुरंत बाद राहत राशि की घोषणा की। उन्होंने मृतकों के परिवारों को 20 लाख रुपये और घायलों को 2 लाख रुपये देने का ऐलान किया।
वहीं तमिलनाडु सरकार ने भी मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया। लेकिन अदालत ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि केवल आर्थिक मदद ही काफी नहीं है, बल्कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
भगदड़ की वजह
पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, रैली में भगदड़ की एक बड़ी वजह विजय का मंच पर देर से पहुंचना रहा। रिपोर्ट में कहा गया कि अभिनेता-राजनेता लगभग सात घंटे देर से पहुंचे, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई। अचानक हुई अफरा-तफरी में लोगों ने धक्का-मुक्की शुरू कर दी और हालात बेकाबू हो गए।
इसके अलावा भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था में खामियों को भी जिम्मेदार माना जा रहा है।
सरकार की जिम्मेदारी पर अदालत की फटकार
कोर्ट ने राज्य की स्टालिन सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि लोगों की जान बचाना सरकार की पहली जिम्मेदारी है। सार्वजनिक कार्यक्रमों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव गंभीर लापरवाही है। अदालत ने आदेश में कहा कि भविष्य में किसी भी रैली या सार्वजनिक कार्यक्रम में पानी, शौचालय, एम्बुलेंस और आपातकालीन निकास का इंतजाम अनिवार्य रूप से होना चाहिए।