स्वतंत्रता दिवस 2025 पर पीएम मोदी ने लाल किले से RSS के 100 वर्ष पूरे होने पर इसे सेवा, समर्पण और अनुशासन का प्रतीक बताया और स्वयंसेवकों के योगदान को याद किया।
नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100 वर्ष पूरे होने पर विशेष टिप्पणी की। प्रधानमंत्री ने कहा कि संघ की सेवा, समर्पण और अनुशासन की परंपरा देश के लिए गर्व का विषय है।
सेवा, समर्पण और अनुशासन का प्रतीक
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पहचान सेवा, समर्पण, संगठन और अप्रतिम अनुशासन रही है। उन्होंने इसे दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ करार दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि 100 वर्षों में संघ ने समाज के हर वर्ग तक पहुंचते हुए निरंतर सेवा कार्य किया है। उन्होंने इसे एक ऐसा संगठन बताया जो बिना सरकारी सहायता के भी बड़े पैमाने पर जनहित के काम करता है।
100 साल की सेवा यात्रा पर गर्व
अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा, “आज से 100 साल पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जन्म हुआ था। 100 साल तक राष्ट्र की सेवा करना अपने आप में एक गौरवपूर्ण और ऐतिहासिक अध्याय है।”
उन्होंने कहा कि संघ ने व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण का संकल्प लिया और हजारों स्वयंसेवकों ने मातृभूमि के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने इस यात्रा को देश के इतिहास का प्रेरणादायक पृष्ठ बताया।
संघ का स्थापना इतिहास
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925 को विजयादशमी के दिन नागपुर में हुई थी। इसे डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने शुरू किया था। स्थापना के समय इसका मुख्य उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना, राष्ट्रीय चेतना को जागृत करना और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देना था। RSS को एक स्वयंसेवी संगठन के रूप में स्थापित किया गया, जो शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक विकास पर जोर देता था।
संघ के शुरुआती वर्षों में इसकी शाखाएं सीमित क्षेत्रों में संचालित होती थीं। इन शाखाओं में स्वयंसेवकों को शारीरिक प्रशिक्षण, संगठन कौशल और अनुशासन की शिक्षा दी जाती थी। धीरे-धीरे संघ का प्रभाव महाराष्ट्र से बाहर अन्य राज्यों में भी फैलने लगा। आज इसकी शाखाएं देश के लगभग हर जिले में सक्रिय हैं और लाखों स्वयंसेवक इससे जुड़े हैं।
राष्ट्र निर्माण में RSS का योगदान
RSS ने पिछले 100 वर्षों में शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और आपदा राहत जैसे क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाई है। संघ के स्वयंसेवक प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत और पुनर्वास के कार्यों में तुरंत जुट जाते हैं। इसके अलावा, विभिन्न सामाजिक संगठनों के माध्यम से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में विकास कार्यों को भी आगे बढ़ाया गया है।
प्रधानमंत्री का सम्मान और संदेश
पीएम मोदी ने लाल किले से कहा, “मैं 100 साल की इस राष्ट्र सेवा की यात्रा में योगदान करने वाले सभी स्वयंसेवकों को आदरपूर्वक स्मरण करता हूं। देश को RSS की इस भव्य यात्रा पर गर्व है और यह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।”