मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से 14 बच्चों की मौत के बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। छिंदवाड़ा में हुई इस घटना के बाद सरकार ने डॉक्टर को गिरफ्तार कर सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पीड़ित परिवारों से मिलकर स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा मांगा है।
MP News: मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत के बाद राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। छिंदवाड़ा जिले में 14 बच्चों की मौत हुई, जिसके बाद सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उस डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया जिसने दवा लिखी थी। इसके साथ ही, राज्य सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है। इस मामले ने स्वास्थ्य व्यवस्था और प्रशासनिक जवाबदेही पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
सरकार की कार्रवाई
मध्य प्रदेश सरकार ने इस गंभीर घटना के बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए डॉक्टर को हिरासत में लिया। इसके साथ ही, संबंधित दवा कंपनी और सिरप की आपूर्ति श्रृंखला की जांच शुरू कर दी गई है। प्रशासन का कहना है कि इस प्रकार की लापरवाही राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली के लिए गंभीर चुनौती है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। वहीं, राज्य में दवा की बिक्री पर रोक लगाने के बाद यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि और कोई बच्चे इस खतरनाक सिरप से प्रभावित न हों।
स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफे की मांग
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और इस घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि केवल डॉक्टर को गिरफ्तार करने से मामला खत्म नहीं हो जाएगा। पटवारी ने कहा कि इस गंभीर लापरवाही के लिए स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि पूरे प्रदेश में इस प्रकार की दवा वितरित की गई है, तो क्या केवल डॉक्टर पर कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना है कि दवा कंपनी और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई होना आवश्यक है।
पीड़ित परिवारों की प्रतिक्रिया
परासिया में विजिट के दौरान जीतू पटवारी ने पीड़ित परिवारों की भावनाओं को समझा और उनका दुख साझा किया। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से ली जा रही कार्रवाई में कई सवाल हैं। पटवारी ने आरोप लगाया कि इस मामले में लीपापोती की जा रही है और वास्तविक जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई नहीं की जा रही। उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत सिर्फ डॉक्टर की गलती नहीं है, बल्कि इसमें दवा की गुणवत्ता, वितरण प्रणाली और प्रशासनिक निगरानी की भी बड़ी भूमिका है।
कफ सिरप की वजह से बच्चों की मौत की व्यापकता
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में हुई 14 मौतें इस सिरप के सेवन की भयावहता को दर्शाती हैं। इसके अलावा, राजस्थान और महाराष्ट्र में भी इसी तरह की घटनाएं सामने आई हैं। इन राज्यों में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर तत्काल प्रतिबंध लगाया गया है। इस सिरप के कारण बच्चों की मौत ने पूरे देश में स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके प्रभाव को देखते हुए, केरल और तेलंगाना जैसे अन्य राज्यों ने भी इस सिरप के उपयोग पर अलर्ट जारी किया है और एहतियात के तौर पर इसे रोकने की तैयारी की है।
राज्य सरकार की स्थिति
मध्य प्रदेश सरकार ने कहा है कि इस घटना की गहन जांच की जा रही है। जांच में दवा कंपनी, वितरण तंत्र और चिकित्सा पेशेवरों की भूमिका को पूरी तरह से देखा जाएगा। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि आगे से इस प्रकार की लापरवाही न हो और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही, राज्य स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों, फार्मासिस्ट और दवा वितरकों को चेतावनी जारी की है कि वे केवल प्रमाणित दवाओं का ही उपयोग करें।