मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फेसबुक ओवरसीज के साथ मिलकर रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड (REIL) की स्थापना की है। इसमें रिलायंस की 70% और फेसबुक की 30% हिस्सेदारी होगी। नया उद्यम एंटरप्राइज AI समाधान विकसित करेगा और भारतीय उद्योगों को वैश्विक AI तकनीक उपलब्ध कराएगा।
Mukesh Ambani Facebook Deal: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने मेटा प्लेटफॉर्म्स की सहायक कंपनी फेसबुक ओवरसीज के साथ ज्वाइंट वेंचर के रूप में रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड (REIL) का गठन किया। इसमें रिलायंस की 70% और फेसबुक की 30% हिस्सेदारी होगी। इस नई कंपनी का मुख्य उद्देश्य बड़े कारोबारों के लिए कस्टमाइज्ड एंटरप्राइज AI समाधान तैयार करना, डेटा एनालिटिक्स, ऑटोमेशन और स्मार्ट डिसीजन सपोर्ट सिस्टम पर काम करना है। 855 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी के साथ यह उद्यम भारतीय उद्योगों में वैश्विक स्तर की AI तकनीक लाने में मदद करेगा।
निवेश और पूंजी संरचना
संयुक्त उद्यम के तहत, रिलायंस इंटेलिजेंस और फेसबुक ओवरसीज कुल 855 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी का निवेश करेंगे। इसमें रिलायंस का योगदान अधिक होगा और फेसबुक 30 प्रतिशत हिस्सेदारी के अनुपात में निवेश करेगी। रिलायंस ने स्पष्ट किया कि REIL के गठन के लिए किसी सरकारी या नियामक मंजूरी की आवश्यकता नहीं थी, जिससे यह प्रक्रिया तेज़ी से पूरी हो गई।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह निवेश भारतीय एंटरप्राइज और तकनीकी उद्योगों में AI सेवाओं के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा। यह साझेदारी भारतीय कंपनियों को वैश्विक स्तर की AI तकनीक और डेटा एनालिटिक्स समाधान उपलब्ध कराने में सहायक होगी।
एंटरप्राइज AI सेवाओं पर जोर
REIL का फोकस बड़े उद्योगों के लिए कस्टमाइज्ड AI समाधान तैयार करने पर रहेगा। इसमें डेटा एनालिटिक्स, ऑटोमेशन, प्रेडिक्टिव मॉडलिंग और स्मार्ट डिसीजन सपोर्ट सिस्टम शामिल हैं। रिलायंस और फेसबुक की तकनीकी विशेषज्ञता इस साझेदारी को उद्योगों के लिए लाभकारी बनाएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि REIL के माध्यम से भारतीय कंपनियों को अपनी प्रक्रियाओं को स्मार्ट बनाने और निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह कदम भारत को एंटरप्राइज AI क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूत बनाएगा।
रिलायंस का डिजिटल विस्तार

यह कदम रिलायंस की डिजिटल और तकनीकी विस्तार की रणनीति का हिस्सा है। पहले जियो के माध्यम से टेलीकॉम क्रांति लाने वाली कंपनी अब AI और क्लाउड कंप्यूटिंग में भी नेतृत्व करना चाहती है। मेटा के साथ यह गठजोड़ रिलायंस को वैश्विक AI इकोसिस्टम में मजबूती प्रदान करेगा।
साल 2020 में फेसबुक ने जियो प्लेटफॉर्म्स में 5.7 बिलियन डॉलर यानी करीब 43,574 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इसके माध्यम से फेसबुक जियो का सबसे बड़ा माइनॉरिटी शेयरहोल्डर बन गया। उस समय भारतीय प्रतियोगिता आयोग ने इसे मंजूरी दी थी। इस निवेश ने फेसबुक को जियो प्लेटफॉर्म्स में 9.99 प्रतिशत स्टेक दिया था, जो लगभग 500 मिलियन कस्टमर्स के साथ रिलायंस के टेलीकॉम बिजनेस का आधार है।
REIL से भारत में AI विकास को बढ़ावा
REIL की स्थापना से भारत में एंटरप्राइज AI सेक्टर में तेजी आने की संभावना है। बड़े उद्योग, बैंकिंग और वित्तीय संस्थान, ई-कॉमर्स और स्वास्थ्य क्षेत्र में AI समाधानों का विस्तार होने से तकनीकी दक्षता और डेटा प्रबंधन में सुधार होगा।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह साझेदारी भारतीय उद्योगों को वैश्विक AI प्रौद्योगिकी से जोड़ने का अवसर प्रदान करेगी। इसके अलावा, यह कदम देश में उच्च तकनीकी कौशल वाले नौकरियों के निर्माण में भी योगदान देगा।













