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New Delhi: अमेरिकी दबाव में किसानों की अनदेखी, केजरीवाल ने केंद्र पर साधा निशाना

New Delhi: अमेरिकी दबाव में किसानों की अनदेखी, केजरीवाल ने केंद्र पर साधा निशाना

अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि अमेरिकी दबाव में किसानों के हितों को नजरअंदाज किया जा रहा है। अमेरिकी कपास पर शुल्क हटने से किसानों और युवाओं के रोजगार पर असर पड़ेगा।

New Delhi: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर किसानों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को खुश करने के लिए केंद्र सरकार ने देश के कपास किसानों को दांव पर लगा दिया है। केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए अपने बयान में कहा कि भारत और अमेरिका के बीच हो रही बातचीत केवल एकतरफा है और इसमें भारतीय किसानों, व्यापारियों और युवाओं के रोजगार को नजरअंदाज किया जा रहा है।

केजरीवाल ने लिखा कि अगर भारतीय बाजार पूरी तरह से अमेरिकी उत्पादों के लिए खोला गया, तो देश के किसान और व्यापारियों की स्थिति कमजोर हो जाएगी। उनका यह भी कहना था कि देश की अर्थव्यवस्था और 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान खतरे में है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह इस मामले में कमजोर न पड़ें और देश की प्रतिष्ठा और किसानों के हित की रक्षा करें।

अमेरिकी दबाव में आयात शुल्क हटाने का मुद्दा

केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने अमेरिकी कपास पर 11 प्रतिशत आयात शुल्क हटा दिया। उन्होंने कहा कि इससे देश के कपास किसानों की आमदनी प्रभावित होगी। पहले भारत में कपास किसानों को 1500 रुपये प्रति मन तक दाम मिलता था, लेकिन अब यह घटकर 1200 रुपये हो गया है। साथ ही बीज और मजदूरी की लागत बढ़ने के कारण किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव है।

केजरीवाल ने चेताया कि अगर अमेरिका से कपास का आयात बढ़ता रहा, तो भारतीय किसानों को सिर्फ 900 रुपये प्रति मन ही मिलेगा। उनका कहना था कि यह नीतिगत निर्णय भारतीय किसानों के हितों के खिलाफ है और केंद्र सरकार ने विदेशी दबाव में किसानों के अधिकारों की अनदेखी की है।

ट्रंप की नीतियों पर भी सवाल

अरविंद केजरीवाल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ट्रंप बुज़दिल हैं और जिन देशों ने उनके सामने विरोध किया, उन्हें झुकना पड़ा। केजरीवाल ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि अगर अमेरिका भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा रहा है, तो भारत को अमेरिकी उत्पादों पर 75 प्रतिशत टैरिफ लगाना चाहिए। उनका मानना है कि इससे अमेरिका पर दबाव बनेगा और भारतीय किसानों को उचित मूल्य मिलेगा। ट्रंप को खुश करने के लिए किए गए फैसलों ने भारतीय अर्थव्यवस्था और किसानों की मेहनत पर चोट की है। केंद्र सरकार ने अमेरिकी कपास के आयात शुल्क को हटाकर भारतीय किसानों और व्यापारियों की स्थिति को कमजोर कर दिया।

किसानों और युवाओं के हित की अनदेखी

केजरीवाल ने अपने बयान में कहा कि केंद्र सरकार की यह नीति केवल अमेरिका को लाभ पहुंचाने वाली है, जबकि भारतीय किसानों और व्यापारियों की परेशानियों को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं और किसानों का भविष्य खतरे में है। अगर यह नीति जारी रहती है, तो भारतीय कृषि क्षेत्र और घरेलू उद्योग को भारी नुकसान होगा।

केजरीवाल की चेतावनी 

अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से मांग की कि वह तुरंत अमेरिकी कपास पर आयात शुल्क बहाल करे। उन्होंने कहा कि यह कदम केवल किसानों की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि देश की आर्थिक सुरक्षा और रोजगार के लिए भी जरूरी है। उनके अनुसार, यदि केंद्र सरकार इस मामले में सक्रिय नहीं हुई, तो इसका नकारात्मक असर भारतीय कृषि और उद्योग दोनों पर पड़ेगा।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार को किसी भी विदेशी दबाव के आगे नहीं झुकना चाहिए और भारतीय किसानों और व्यापारियों के हित में ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के लोग उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में मजबूत रुख अपनाएंगे और किसानों के हित की रक्षा करेंगे।

केजरीवाल ने कहा कि अमेरिकी कपास के बढ़ते आयात से भारतीय किसानों के लिए फसल का उचित मूल्य प्राप्त करना कठिन हो जाएगा। इसके कारण किसानों की आमदनी घटेगी और खेती का व्यवसाय जोखिम भरा बन जाएगा। अगर कृषि क्षेत्र कमजोर हुआ, तो युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी प्रभावित होंगे।

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