ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के साथ ही साइबर ठगी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। खासकर त्योहारी सीजन या डिस्काउंट ऑफर्स के दौरान फर्जी वेबसाइट्स और नकली डील्स के ज़रिए उपभोक्ताओं को निशाना बनाया जाता है।
डिजिटल युग में ऑनलाइन शॉपिंग लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन चुकी है। एक क्लिक में सामान घर पर, वह भी आकर्षक ऑफर्स और डिस्काउंट के साथ। लेकिन इस सुविधा के साथ बढ़ता खतरा भी अब नजर आने लगा है। ऑनलाइन ठगी और साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और सबसे आसान निशाना बनते हैं वो लोग जो सावधानी नहीं बरतते। इसी को देखते हुए भारत सरकार ने ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों को कुछ बेहद जरूरी सलाह दी है, जिसे नजरअंदाज करना आपको भारी नुकसान में डाल सकता है।
सरकार की चेतावनी: हर क्लिक सोच-समझकर करें
गृह मंत्रालय के अधीन आने वाली साइबर सुरक्षा जागरूकता इकाई Cyber Dost ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) के जरिए चेतावनी जारी की है। इसमें बताया गया है कि फेक वेबसाइट्स और फिशिंग टेक्स्ट मैसेज से जुड़ी शिकायतें तेजी से बढ़ रही हैं। इन फर्जी साइट्स का मकसद लोगों को लुभावने ऑफर्स देकर ठगना और उनके बैंक डिटेल्स चुराना होता है।
साइबर दोस्त के द्वारा साझा की गई पोस्ट में एक उदाहरण भी दिया गया, जिसमें एक नकली संदेश दिखाई दे रहा है आपका ऑर्डर होल्ड पर है, पेमेंट कन्फर्म करने के लिए यहां क्लिक करें। ऐसे संदेश आम तौर पर यूजर्स को झांसे में लेते हैं और उन्हें स्कैम साइट पर ले जाकर बैंक की जानकारी चोरी कर लेते हैं।
कैसे करते हैं साइबर ठग ऑनलाइन ठगी?
ऑनलाइन ठग तकनीक और मानव मनोविज्ञान का इस्तेमाल कर लोगों को चकमा देते हैं। उनके जाल में फंसना बेहद आसान है अगर थोड़ी सी भी लापरवाही हो जाए।
फर्जी वेबसाइट्स: ठग ऐसे वेबसाइट्स बनाते हैं जो बिल्कुल असली जैसी दिखती हैं। इनका यूआरएल भी लगभग वैसा ही होता है (जैसे कि amaz0n.in या flipkart-offer.com)। यूजर को लगता है कि वह असली साइट पर है, लेकिन जैसे ही वह ऑर्डर करता है और पेमेंट करता है, वह पैसा सीधे स्कैमर्स के खाते में चला जाता है।
फिशिंग डिलीवरी मैसेज: ठग SMS या ईमेल भेजते हैं जिनमें लिखा होता है कि आपका ऑर्डर होल्ड पर है और पेमेंट कन्फर्म करना जरूरी है। जैसे ही आप दिए गए लिंक पर क्लिक करते हैं, आप फर्जी साइट पर पहुंच जाते हैं, जहां मांगी जाती है कार्ड डिटेल। एक बार जानकारी दी नहीं, फिर अकाउंट खाली।
सोशल मीडिया विज्ञापन जाल: Instagram, Facebook और WhatsApp पर ऐसे स्कैम विज्ञापन भरे होते हैं जिनमें बड़ी-बड़ी छूट दिखाई जाती है। लिंक पर क्लिक करने के बाद यूजर को अज्ञात वेबसाइट पर ले जाया जाता है, और वहीं से शुरू होता है ठगी का खेल।
सरकार की जरूरी सलाह: इन बातों का रखें ध्यान
- केवल ट्रस्टेड प्लेटफॉर्म्स से ही खरीदारी करें: अगर आप किसी नए या अनजान साइट से शॉपिंग कर रहे हैं, तो पहले उसकी विश्वसनीयता की जांच करें। Google रिव्यू देखें, URL को ध्यान से पढ़ें।
- कभी भी SMS या ईमेल से मिले अनजान लिंक पर क्लिक न करें: अगर कोई लिंक किसी अनजान नंबर या ईमेल से आया है, तो उसे बिना जांचे क्लिक करना खतरे से खाली नहीं।
- ऑफर्स के झांसे में न आएं: 70% से अधिक छूट का दावा करने वाले विज्ञापन अक्सर फर्जी होते हैं। असली कंपनियां इतनी भारी छूट कम ही देती हैं।
- साइट के यूआरएल की जांच जरूर करें: छोटे-छोटे बदलाव जैसे amazon.in की जगह amaz0n.in से पता चलता है कि साइट नकली है।
- साइबर सिक्योरिटी जागरूकता बढ़ाएं: अगर आप या आपके परिवार के लोग ऑनलाइन खरीदारी करते हैं, तो उन्हें भी इन बातों की जानकारी दें। जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।
ठगी हो जाए तो क्या करें?
अगर आपको लगे कि आपके साथ कोई ऑनलाइन स्कैम हुआ है, तो घबराएं नहीं। तुरंत इन माध्यमों का सहारा लें
- साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर: 1930 (24x7 सेवा)
- ऑनलाइन शिकायत पोर्टल: www.cybercrime.gov.in
यह पोर्टल गृह मंत्रालय द्वारा संचालित है, जहां आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर पुलिस से मदद भी पा सकते हैं।
ऑनलाइन खरीदारी करते समय रखें ये अतिरिक्त सावधानियां
- शॉपिंग से पहले उस वेबसाइट का SSL सर्टिफिकेट जरूर चेक करें। वेबसाइट का URL "https://" से शुरू होना चाहिए।
- कैश ऑन डिलीवरी का विकल्प चुनें अगर आप नई वेबसाइट से खरीदारी कर रहे हैं।
- अपना डेबिट या क्रेडिट कार्ड किसी फर्जी साइट पर दर्ज न करें।
- किसी भी ऐप या वेबसाइट से पहले उसके रिव्यू और डाउनलोड्स की संख्या जरूर देखें।
- अगर कोई डील ‘बहुत अच्छी लग रही है’, तो शायद वह फर्जी हो।