26 जून 2025 को प्रेम, भोग, कला, सौंदर्य और भौतिक सुखों के कारक ग्रह शुक्र सूर्य के प्रभावशाली कृतिका नक्षत्र में प्रवेश करने जा रहे हैं। यह ज्योतिषीय घटना कई राशियों के लिए शुभ संकेत लेकर आ सकती है, लेकिन कुछ राशियों के लिए यह समय मानसिक, सामाजिक और आर्थिक स्तर पर चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है। इस लेख में हम उन राशियों की चर्चा करेंगे जिनके लिए यह गोचर कठिनाई बढ़ा सकता है, साथ ही जानेंगे कि इससे कैसे बचा जा सकता है।
कृतिका नक्षत्र और शुक्र ग्रह का संयोग
कृतिका नक्षत्र, सूर्य का नक्षत्र माना जाता है, जिसका स्वभाव तेज, प्रखर और अग्नि तत्व से जुड़ा होता है। वहीं शुक्र ग्रह ठंडे, भावुक और सौंदर्यप्रिय होते हैं। जब शुक्र सूर्य के नक्षत्र में आता है, तो उनके स्वभाव में तीव्रता आती है। ऐसे में भोग-विलास की प्रवृत्तियों में कमी और सामाजिक संबंधों में तनाव देखने को मिल सकता है।
कन्या राशि: सामाजिक प्रतिष्ठा पर संकट
शुक्र का यह गोचर कन्या राशि वालों के लिए कई प्रकार की चुनौतियाँ लेकर आ सकता है। इस समय आपके व्यवहार या वाणी से किसी को ठेस पहुंच सकती है, जिससे आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा प्रभावित हो सकती है।
- स्वास्थ्य: पेट या पाचन संबंधी समस्याएँ परेशान कर सकती हैं।
- वित्त: अनावश्यक खर्चों में वृद्धि होगी, जिससे मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
- सावधानी: वाद-विवाद से बचें, और सजग होकर बोलें।
- धार्मिक उपाय: शुक्रवार के दिन लक्ष्मी जी के बीज मंत्र 'ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः' का 108 बार जप करें और जीवनसाथी को कोई सफेद वस्तु उपहार स्वरूप दें।
तुला राशि: परीक्षा की घड़ी
तुला राशि के स्वामी स्वयं शुक्र हैं, लेकिन कृतिका नक्षत्र में गोचर उनके लिए एक परीक्षा का दौर साबित हो सकता है। आपकी मेहनत का पूरा फल इस समय नहीं मिलेगा, लेकिन संयम और सही रणनीति से आप नुकसान से बच सकते हैं।
- प्रेम-संबंध: रिश्तों में अधिक भावुकता से बचें, क्योंकि यह किसी विवाद को जन्म दे सकती है।
- वित्त: किसी से उधार लेने या देने से बचें। व्यापार में निवेश सोच-समझकर करें।
- सावधानी: साझेदारी में चल रहे काम में पारदर्शिता रखें।
- धार्मिक उपाय: प्रतिदिन सुबह कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें और शुक्रवार को चावल या दूध का दान करें।
वृश्चिक राशि: निर्णयों में भ्रम और धनहानि का योग
शुक्र का यह गोचर वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मानसिक द्वंद्व का कारण बन सकता है। इस दौरान आपके मन में असमंजस की स्थिति बनी रह सकती है, जिससे आप गलत निर्णय ले सकते हैं।
- कार्यस्थल: अपूर्ण कार्यों को जल्द पूरा करें, वरना वरिष्ठों की नाराज़गी झेलनी पड़ सकती है।
- धन: संचित धन का अत्यधिक उपयोग भविष्य की योजनाओं को बाधित कर सकता है।
- सावधानी: बड़ों की सलाह के बिना कोई भी बड़ा निर्णय न लें।
- धार्मिक उपाय: शुक्रवार को माता लक्ष्मी की सफेद कमल या गुलाब के फूल से पूजा करें और “श्री सूक्त” का पाठ करें।
कुंभ राशि: आत्मविश्वास में गिरावट और सामाजिक दूरी
कुंभ राशि के जातकों की रचनात्मकता इस समय प्रभावित हो सकती है। उनके आत्मविश्वास में गिरावट आ सकती है, जिससे वे अपने सामाजिक जीवन में पिछड़ सकते हैं।
- सामाजिक संबंध: लोगों के बीच गलतफहमी हो सकती है। बातों को सही ढंग से कहने की आदत विकसित करें।
- वित्त: आय के स्रोत कमजोर पड़ सकते हैं, कुछ जातकों को पुराने कर्ज़ का सामना करना पड़ सकता है।
- सावधानी: अपनी सोच को सकारात्मक रखें और निर्णय लेने से पहले दो बार सोचें।
- धार्मिक उपाय: प्रतिदिन सुबह शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करें।
शुक्र ग्रह का कृतिका नक्षत्र में गोचर हर किसी के लिए एक सा नहीं होता। कुछ के लिए यह आत्ममंथन और संतुलन का समय होता है, तो कुछ के लिए संघर्ष का। कन्या, तुला, वृश्चिक और कुंभ राशियों को इस समय आत्मसंयम, वाणी की मर्यादा और आर्थिक विवेक से काम लेना चाहिए।