पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत को चेतावनी दी है कि अगर युद्ध हुआ तो भारतीय फाइटर जेट के मलबे में दब सकते हैं। यह बयान ऑपरेशन सिंदूर और मई के संघर्ष के बाद आया है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत को रविवार को नई गीदड़भभकी दी है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भविष्य में भारत-पाकिस्तान के बीच कोई सैन्य संघर्ष हुआ, तो भारत अपने ही फाइटर जेटों के मलबे में दब जाएगा। यह बयान भारत के ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तानी एयरबेसों पर हुए हमलों के कुछ समय बाद आया है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
भारत ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के लगभग 11 एयरबेसों पर हमला किया था। इस हमले में पाकिस्तानी सैन्य ढांचे को बड़ा नुकसान हुआ और कम से कम दर्जन भर सैन्य विमान नष्ट या क्षतिग्रस्त हो गए, जिनमें अमेरिकी मूल के एफ-16 फाइटर जेट भी शामिल थे। इसके बाद पाकिस्तान ने युद्ध विराम की गुहार लगाई थी।
पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने इन घटनाओं के जवाब में कहा कि पाकिस्तान किसी भी शत्रुता या सैन्य संघर्ष के दौरान सटीक और निर्णायक प्रतिक्रिया देगा। उन्होंने भारत के नेतृत्व पर उकसावे और असफल प्रयास का आरोप लगाया।
भारतीय सेना प्रमुख की चेतावनी के बाद बयान
आसिफ का बयान भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी द्वारा पाकिस्तान को किसी भी गलत कदम से बचने की चेतावनी देने के कुछ दिन बाद आया। भारतीय एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने स्पष्ट किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किए गए हमलों में पाकिस्तान के एयरफोर्स को गंभीर नुकसान पहुंचा।
पाकिस्तान ने भारत के इस हमले के बाद युद्ध विराम की मांग की थी। इसके बावजूद ख्वाजा आसिफ ने सोशल मीडिया पर भारतीय सैन्य और राजनीतिक नेताओं के हालिया बयानों को “उकसावे भरे” करार दिया। उन्होंने इसे मई के संघर्ष में मिली हार के बाद भारतीय नेतृत्व द्वारा प्रतिष्ठा पुनः स्थापित करने का असफल प्रयास बताया।
मई के संघर्ष और स्कोर 0-6 का जिक्र
ख्वाजा आसिफ ने मई के संघर्ष का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व की रणनीति और बयान उनकी खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस लाने के प्रयास हैं। उन्होंने इसे निर्णायक हार और दबाव का परिणाम बताया। आसिफ ने कहा कि मई में हुए संघर्ष का स्कोर 0-6 था। उन्होंने यह नहीं बताया कि यह स्कोर कैसे तय हुआ, लेकिन उनका इशारा था कि भविष्य में यदि प्रयास किया गया तो परिणाम पहले से भी गंभीर हो सकते हैं।