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पाकिस्तान में महंगाई का नया झटका: रेल किराए में दोबारा बढ़ोतरी, पेट्रोल-डीजल और गैस की कीमतें भी आसमान पर

पाकिस्तान में महंगाई का नया झटका: रेल किराए में दोबारा बढ़ोतरी, पेट्रोल-डीजल और गैस की कीमतें भी आसमान पर

पाकिस्तान में महंगाई का असर रेलवे पर भी दिखा है। डीजल की कीमत बढ़ने से रेलवे ने 15 दिन में दूसरी बार ट्रेनों का किराया बढ़ा दिया। साथ ही पेट्रोल, डीजल और गैस की दरों में भी इजाफा हुआ है।

Pakistan: पाकिस्तान में आर्थिक संकट से जूझ रही जनता को एक और बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान रेलवे ने पैसेंजर, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के किराए में 2 प्रतिशत की नई वृद्धि की है। यह वृद्धि 4 जुलाई से प्रभावी हो गई है। खास बात यह है कि महज 15 दिनों में यह दूसरी बार है जब रेलवे किराए में इजाफा किया गया है।

पाकिस्तान रेलवे के अनुसार, डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते रेलवे को हर महीने लगभग 109 मिलियन पाकिस्तानी रुपये का घाटा हो रहा है। इसी वजह से रेलवे को टिकट किराए में यह बढ़ोतरी करनी पड़ी। बढ़ी हुई दरें एडवांस बुकिंग पर भी लागू होंगी। रेलवे ने अपने IT डायरेक्टर और डिवीजनल सुपरिटेंडेंट्स (DS) को आदेश दिया है कि बढ़े हुए किराए का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए।

18 जून को भी हुआ था किराया महंगा

इससे पहले 18 जून को भी पाकिस्तान रेलवे ने पैसेंजर ट्रेनों के किराए में 3 प्रतिशत और मालगाड़ियों के किराए में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। उस समय भी डीजल और पेट्रोल की कीमतें बढ़ने को कारण बताया गया था। अब दोबारा इसी तर्क पर किराए में इजाफा कर दिया गया है।

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी

रेल किराए के साथ-साथ पेट्रोल और हाई-स्पीड डीजल की कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, पेट्रोल की कीमत में 14.80 पाकिस्तानी रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई है, जिससे नई कीमत 266.89 रुपये प्रति लीटर हो गई है।

इसी तरह हाई-स्पीड डीजल की कीमत 10.39 रुपये बढ़ाई गई है और यह अब 272.98 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। यह बढ़ोतरी 15 जुलाई तक लागू रहेगी और उसके बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी।

लोगों की जेब पर गैस का भी बोझ

पेट्रोल-डीजल के बाद अब घरेलू गैस की कीमतों में भी इजाफा कर दिया गया है। हालांकि घरेलू उपभोक्ताओं की टियर रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन मासिक फिक्स्ड चार्ज में बढ़ोतरी की गई है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, जो उपभोक्ता ‘सुरक्षा’ कैटेगरी में आते हैं, उन्हें अब हर महीने 600 पाकिस्तानी रुपये देने होंगे, जो पहले 400 रुपये थे। वहीं, जिन ग्राहकों के पास कोई सुरक्षा नहीं है, उनके मासिक शुल्क को 1000 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये कर दिया गया है।

1.5 क्यूबिक मीटर से ज्यादा गैस इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को अब 2400 पाकिस्तानी रुपये तक देने होंगे, जो पहले 2000 रुपये थे। इससे साफ है कि आम जनता पर बोझ और बढ़ गया है।

पेट्रोलियम कीमतें क्यों बढ़ रही हैं

विशेषज्ञों के अनुसार, वैश्विक तेल बाजार में कीमतों में तेजी, डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये का कमजोर होना और सरकार की राजस्व वृद्धि की आवश्यकता इस महंगाई की बड़ी वजहें हैं। IMF के दबाव में भी सरकार को सब्सिडी घटानी पड़ रही है जिससे हर वस्तु की लागत बढ़ती जा रही है।

सरकारी अधिसूचना में कही गई ये बातें

ARY न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने रेलवे किराया वृद्धि और पेट्रोलियम कीमतों में बदलाव को एक औपचारिक अधिसूचना के माध्यम से लागू किया है। इसमें कहा गया है कि यह निर्णय लागत वसूली (cost recovery) और नियामक अनुपालन (regulatory compliance) के उद्देश्य से लिया गया है।

जनता की नाराजगी, सड़कों पर विरोध

देश में पहले से ही बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और कमजोर आय ने लोगों की कमर तोड़ रखी है। ऐसे में रेलवे और ईंधन की कीमतों में वृद्धि को लेकर जनता में भारी आक्रोश है। कई शहरों में नागरिक संगठनों ने इन बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन किया है। सोशल मीडिया पर भी लोग सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं।

महंगाई की इस नई लहर को लेकर संसद में विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सरकार पर तीखा हमला किया है। विपक्ष का कहना है कि सरकार हर बार डीजल-पेट्रोल के नाम पर जनता पर बोझ बढ़ा रही है, जबकि खुद खर्चों में कोई कटौती नहीं की जा रही।

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