साउथ फिल्मों के दिग्गज अभिनेता प्रकाश राज 30 जुलाई 2025 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए। यह पेशी एक ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म के कथित अवैध प्रचार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस के सिलसिले में हुई।
Prakash Raj Appears Before ED: दक्षिण भारतीय फिल्मों के मशहूर अभिनेता प्रकाश राज एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार फिल्मों के लिए नहीं, बल्कि सट्टेबाजी ऐप के प्रचार में कथित संलिप्तता के चलते। वह हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश हुए। मामला 2016 में एक ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के प्रचार से जुड़ा है, जिसमें अभिनेता समेत 29 अन्य हस्तियों के नाम शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 'जंगली रम्मी' (Junglee Rummy) नामक एक ऑनलाइन गेमिंग ऐप से जुड़ा है, जिसे कथित रूप से सट्टेबाजी से जोड़ा गया है। वर्ष 2016 में इस ऐप का प्रचार अभिनेता प्रकाश राज ने किया था। हालांकि, प्रकाश राज का कहना है कि 2017 में उन्हें इस ऐप की वास्तविकता का अहसास हुआ, जिसके बाद उन्होंने इससे दूरी बना ली और किसी भी प्रकार के गेमिंग ऐप का प्रचार नहीं किया।
इस पूरे मामले की जांच साइबराबाद पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर की जा रही है। एफआईआर में उल्लेख है कि कई अभिनेताओं और सोशल मीडिया प्रभावशाली व्यक्तियों ने इन ऐप्स का ऑनलाइन विज्ञापन कर अप्रत्यक्ष रूप से सट्टेबाजी को बढ़ावा दिया, जो भारतीय कानूनों के तहत अवैध है।
ईडी की जांच का दायरा
प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस मामले में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोपों की जांच कर रहा है। जांच का मुख्य फोकस उन मशहूर हस्तियों पर है जिन्होंने इन ऐप्स के प्रचार के बदले वित्तीय लेनदेन किए। ईडी इन कलाकारों के डिजिटल भुगतान, बैंक अकाउंट ट्रांजेक्शन और अनुबंधों की भी जांच कर रही है।
प्रकाश राज के अलावा, विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती, मंचू लक्ष्मी, निधि अग्रवाल, अनन्या नागल्ला और लोकप्रिय टीवी एंकर श्रीमुखी जैसी हस्तियों के नाम भी सामने आए हैं। राणा दग्गुबाती को 23 जुलाई को पेश होने के लिए समन भेजा गया था, लेकिन उन्होंने समय की कमी का हवाला देते हुए और मोहलत मांगी है। अब उन्हें 13 अगस्त को पेश होने के लिए कहा गया है।
मंचू लक्ष्मी को भी इसी दिन हाजिर होने का निर्देश मिला है। विजय देवरकोंडा को 6 अगस्त को ईडी कार्यालय में पेश होना है। यह मामला भारतीय दंड संहिता (IPC), प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) और आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया है। इन धाराओं में दोषी पाए जाने पर कड़ी सजा और भारी जुर्माना भी हो सकता है। ईडी को आशंका है कि इन ऐप्स के जरिए काले धन को वैध करने की कोशिश की गई है और कई बड़े लेनदेन बिना कर विवरण के किए गए हैं।