भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने बिहार विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने से इंकार किया। उनके ससुर रामबाबू सिंह ने स्पष्ट किया कि ज्योति सिंह को विधायक बनाने का कोई दबाव नहीं था। पवन सिंह ने राजनीतिक दबाव को नजरअंदाज करते हुए निर्णय लिया।
कराकट: भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह ने बिहार विधानसभा चुनाव में भाग लेने से साफ इनकार कर दिया है। उनके इस फैसले ने प्रशंसकों और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। हाल ही में उनके ससुर रामबाबू सिंह ने इस मामले में सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि पवन सिंह पर अपनी पत्नी ज्योति सिंह को विधायक बनाने का कोई दबाव नहीं था और उनका निर्णय पूरी तरह व्यक्तिगत और स्वतंत्र था।
कराकट चुनाव में पवन सिंह का फैसला
रामबाबू सिंह ने बताया कि चुनावों के दौरान जब ज्योति सिंह ने पवन सिंह के लिए प्रचार किया, तब कराकट के लोगों ने उनसे और पवन सिंह से आग्रह किया कि पवन सिंह के स्थान पर ज्योति को चुनाव में उतारा जाए।
कराकट वह विधानसभा क्षेत्र है, जहां पवन सिंह ने स्वतंत्र रूप से लोकसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि, पवन सिंह ने इस सामाजिक और राजनीतिक दबाव को नजरअंदाज करते हुए अपना निर्णय लिया।
ससुर ने साझा किया निजी विवाद
रामबाबू सिंह ने एएनआई को बयान देते हुए कहा, “तीन महीने पहले मैंने उनसे मुलाकात की। उन्होंने कहा कि मैंने उनसे ज्योति को विधायक बनाने के लिए कहा था, लेकिन यह पूरी तरह गलत है। मैंने उनके पैरों पर जाकर विनती की कि मेरी बेटी उनके साथ रहे। मैंने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन उन्होंने कहा कि आगे का फैसला अदालत करेगी। मैंने उनसे बाद में मिलने और स्थिति को शांतिपूर्वक विचार करने का अनुरोध किया, लेकिन तब से वे मेरी कॉल्स नहीं उठा रहे हैं।” इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि पवन सिंह ने व्यक्तिगत और पारिवारिक प्राथमिकताओं को राजनीतिक दबाव से ऊपर रखा।
जनता और राजनीतिक दबाव के बीच संतुलन
रामबाबू सिंह के अनुसार, कराकट के लोग ज्योति सिंह से चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन पवन सिंह ने राजनीतिक दबाव और बाहरी अपेक्षाओं को नजरअंदाज किया।
इस फैसले से यह संदेश मिलता है कि पवन सिंह अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पारिवारिक संबंधों को चुनावी राजनीति से ऊपर रखते हैं। उनकी यह स्थिति मीडिया और राजनीतिक समीक्षकों के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है।