राजस्थान में एसआई भर्ती विवाद के बीच कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भजनलाल सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने मुख्यमंत्री और मंत्री के विरोधाभासी बयानों पर तीखा हमला बोलते हुए सही निर्णय लेने की मांग की।
नवलगढ़: राजस्थान में एसआई भर्ती विवाद ने सियासी गर्मी बढ़ा दी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ कस्बे का दौरा करते हुए भजनलाल सरकार पर तीखा हमला बोला। मीडिया से बातचीत में डोटासरा ने कहा कि सरकार में सच्चाई का पता नहीं चल रहा, क्योंकि मुख्यमंत्री कहते हैं कि कोर्ट ने भर्ती रद्द कर दी, वहीं मंत्री यह कहते हैं कि परीक्षा निरस्त नहीं हुई। इस तरह के विरोधाभासी बयान सरकार की साख पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
डोटासरा ने आरोप लगाया कि सही अभ्यर्थियों की पीड़ा का कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा और सरकार निर्णय लेने में असमर्थ नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि सही फैसले के बिना अभ्यर्थियों की चिंता बढ़ती जा रही है।
अभ्यर्थियों की पीड़ा पर डोटासरा का तीखा बयान
नवलगढ़ में मीडिया से बातचीत में डोटासरा ने भजनलाल सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यहां निर्णय लेने की क्षमता और शक्ति नहीं है। उन्होंने कहा, “दिल्ली से पर्ची आए बिना कोई निर्णय नहीं होता।” उन्होंने सवाल उठाया कि सत्ता हासिल करने के बाद ढाई साल में सरकार ने अभ्यर्थियों की पीड़ा दूर करने के लिए क्या किया?
डोटासरा ने चेतावनी दी कि यह स्थिति राजस्थान के युवाओं और अभ्यर्थियों में गहरी असंतोष की भावना पैदा कर रही है, और सरकार को जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।
डोटासरा नवलगढ़ में धरने पर पहुंचे और दिए निर्देश

डोटासरा नवलगढ़ में एसडीएम सुनील झिंगोनिया के खिलाफ धरना दे रहे वकीलों से भी मिले। उन्होंने मौके पर मुख्य सचिव सुधांश पंत से फोन पर स्थिति की जानकारी ली और कहा कि अगर एसडीएम की गलती है तो तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि यदि गलती नहीं है तो कलेक्टर या एडीएम मौके पर आकर वकीलों को स्थिति स्पष्ट करें, ताकि उनके काम पर असर न पड़े और आम जनता परेशान न हो। डोटासरा ने कहा कि प्रशासन को अभ्यर्थियों और नागरिकों के हित में तुरंत समाधान निकालना होगा।
एसआई भर्ती मामले में डोटासरा का बयान
डोटासरा ने साफ किया कि एसआई भर्ती मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री का कहना है कि कोर्ट ने भर्ती रद्द कर दी, वहीं मंत्री कह रहे हैं कि परीक्षा निरस्त नहीं हुई, जिससे सरकार की नीति पर संदेह उत्पन्न हो गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि सही अभ्यर्थियों की पीड़ा जायज है, और सरकार को तुरंत निर्णय लेकर उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। डोटासरा ने कहा कि यदि यह मामला समय पर हल नहीं हुआ तो राजनीतिक दबाव और जनता का असंतोष बढ़ सकता है।
डोटासरा ने सरकार पर उठाए सवाल
राजस्थान की सरकार में मुख्यमंत्री और मंत्री के अलग-अलग बयान सरकार की अस्पष्टता को उजागर कर रहे हैं। डोटासरा ने कहा कि सरकार दिल्ली से आदेश के बिना निर्णय नहीं कर सकती, और अभ्यर्थी लगातार पूछ रहे हैं कि फैसला कब होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस स्थिति का जल्द समाधान नहीं निकला तो राजनीतिक बहस और विरोध प्रदर्शन तेज हो सकते हैं।












