सरकार ने संसद में जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 2.17 लाख नकली नोट पकड़े गए हैं। इनमें सबसे ज़्यादा ₹500 के नए डिजाइन वाले नोट थे, जिनकी संख्या 1,17,722 रही। आंकड़े पिछले साल से थोड़ा कम हैं, जब 2.23 लाख नकली नोट मिले थे। सरकार और RBI लगातार नोटों की सुरक्षा विशेषताओं को अपडेट कर रहे हैं ताकि जालसाज़ों से निपटा जा सके।
नई दिल्ली: 12 अगस्त 2025 को संसद में सरकार ने नकली नोटों पर एक अहम रिपोर्ट पेश की। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 2.17 लाख नकली नोट जब्त किए गए, जिनमें सबसे अधिक 1,17,722 नोट ₹500 के नए डिजाइन वाले थे। इसके अलावा ₹100 के 51,069 और ₹200 के 32,660 नकली नोट भी पकड़े गए। यह संख्या पिछले साल दर्ज 2.23 लाख नकली नोटों से थोड़ी कम है।
₹500 का नोट सबसे ज़्यादा नकली
सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में पकड़े गए नकली नोटों में सबसे अधिक ₹500 के नए डिजाइन वाले नोट पाए गए। ऐसे कुल 1,17,722 नोट पकड़े गए, जो सभी मूल्य वर्गों में सर्वाधिक हैं। इनके बाद ₹100 और ₹200 मूल्यवर्ग के नोट सबसे अधिक जालसाजी का शिकार हुए। यह दर्शाता है कि ₹500 का नोट अब भी जालसाज़ों के लिए मुख्य लक्ष्य बना हुआ है।
पिछले साल से थोड़ी गिरावट
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 2.23 लाख नकली नोट जब्त किए गए थे, जबकि 2024-25 में यह संख्या घटकर 2.17 लाख रह गई। हालांकि, ₹500 के नोट की जालसाजी के मामलों में गिरावट मामूली रही और यह दोनों ही वर्षों में शीर्ष पर रहा।
नकली नोटों से निपटने की तैयारी
मंत्री ने कहा कि नकली नोटों पर अंकुश लगाने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और सरकार मिलकर लगातार कदम उठा रहे हैं। नोटों की सुरक्षा विशेषताओं की समय-समय पर समीक्षा की जाती है, और आवश्यकता पड़ने पर उनके डिज़ाइन में बदलाव किया जाता है, ताकि जालसाज़ों की गतिविधियों को रोका जा सके।
नई सुरक्षा तकनीक पर जोर
सरकार का मानना है कि नोटों में उन्नत सुरक्षा फीचर्स और डिज़ाइन परिवर्तन एक सतत प्रक्रिया है। आरबीआई बैंकों को नियमित रूप से दिशा-निर्देश जारी करता है और नकली नोट पहचानने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित भी करता है।
निजी कंपनियों की संपत्ति और निवेश में बढ़ोतरी
संसद में दिए गए एक अन्य उत्तर में यह भी स्पष्ट किया गया कि देश में निजी लिमिटेड कंपनियों की नेट फिक्स्ड एसेट में लगातार वृद्धि हो रही है, जो उद्योग और कारोबारी गतिविधियों के विस्तार का संकेत है। 2021-22 में इसमें 7.6% की बढ़ोतरी हुई, जबकि 2022-23 में यह दर बढ़कर 10.3% और 2023-24 में 10.2% रही। निवेश माहौल में लगातार सुधार और सरकारी नीतियों के सहयोग से स्वीकृत निवेश परियोजनाओं की संख्या 2021-22 में 401 से बढ़कर 2023-24 में 944 हो गई। इन परियोजनाओं की कुल लागत ₹1.4 लाख करोड़ से उछलकर ₹3.9 लाख करोड़ तक पहुंच गई, जो निवेश क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति को दर्शाती है।